लखनऊ। देश-दुनिया में 28 मई को Menstrual Hygiene Day यानि माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इस उपलक्ष्य में लखनऊ स्थित सृजन फाउंडेशन के माहवारी स्वच्छता अभियान ‘हिम्मत’ के अंतर्गत 24 मई से 30 मई तक 7 दिवसीय पीरियड्स अवेयरनेस कैंपेन चलाई जा रही है, जिसमें ऑनलाइन एक्टिविटीज कराई जा रही हैं। इस कैंपेन का उद्देश्य ग्रामीण और अशिक्षित लड़कियां व महिलाएं भी सेनेटरी पैड से लेकर माहवारी से होने वाली अन्य बीमारियों को लेकर जागरूक हों।

सृजन फाउंडेशन ने सात दिवसीय कार्यक्रम में सबसे पहले श्रृंखला में सभी प्रतिभागियों ने अपनी मुट्ठी पर लाल रंग से प्लस का सिंबल बनाकर यह प्रदर्शित किया कि वो पीरियड्स को लेकर पॉजिटिव हैं और उनको अपने पीरियड्स होने पर गर्व है। साथ ही सबने लाल रंग के कपड़े भी पहने थे।

स्वाति जैन, रोमा श्रीवास्तव, रश्मि पांडेय, नीरजा द्विवेदी, ज्योती किरन रतन, शालिनी सिंह, अदिति कटियार ने इसमें प्रतिभाग कर सोशल मीडिया पर जब फोटो डाले तो वायरल हो गया। करना भी कुछ ऐसा ही था, क्योंकि इन लड़कियों का मकसद था कि अधिकतम लोगों के पास ये मेसेज जाए कि उनका पीरियड्स उनकी समस्या नहीं बल्कि उनकी शान है।

 

‘हिम्मत’ अभियान के कोऑर्डिनेटर डॉ अमित सक्सेना ने बताया कि लाल रंग महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। लाल साड़ी, लाल चुड़ियां, लाल सिंदूर यानी कि महिलाओं की हर सौभाग्य की चीज में लाल रंग उपस्थित रहता है, लेकिन जब बात आती है महावारी के लाल रंग की तो उसको बहुत ही गलत नजर से देखा जाता है। इसलिए आज की यह एक्टिविटी करवाई गई कि माहवारी का जो लाल रंग है, वह भी महिलाओं के लिए एक भाग्य का प्रतीक है। उनको महावारी होती है जिस कारण कि वह बच्चे को जन्म दे पाती हैं और उस लाल रंग को लेकर वो पॉजिटिव हैं।

आपको बता दें सृजन फाउंडेशन पिछले कई साल से गरीब और अशिक्षित महिलाओं के बीच जाकर उनको पिरियड्स (माहवारी) के बारे में समझाते ही नहीं बल्कि उनको मुफ्त में सेनेटरी पैड्स भी उपलब्ध कराते हैं। भारत में जहां हर साल हजारों की मौत सेनेटरी पैड ना लगाने से या गंदा कपड़ा लगाने से होने वाली बीमारियों से हो जाता है, वहीं इन महिलाओं का इस तरह की मुहिम चलाकर लोगों को अवेयर करना काबिले तारिफ हैं। लल्लूराम सलाम करता है इस टीम को।