रायपुर- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल की जा रही है. यह तस्वीर एक वैक्सीन सेंटर की है, जहां एक नर्स उन्हें इंजेक्शन का निडल कैप खोले बिना ही वैक्सीन लगाती नजर आ रही है. तस्वीर को गौर से देखने पर यह दिखाई पड़ रहा है कि इंजेक्शन का निडल कैप खोला नहीं गया. सोशल मीडिया पर वायरल की गई तस्वीर यही सवाल उठा रही है कि निडल कैप खोले बिना आखिर वैक्सीन कैसे लगा दी गई?  बीजेपी नेताओं ने इस तस्वीर को  सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए यह सवाल खड़ा किया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वैक्सीन का दूसरा डोज बिना निडल कैप खोले बिना ही ले लिया?

लल्लूराम डाॅट काम ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर की सच्चाई जानने की कोशिश की. हमारी फैक्ट चेकिंग टीम ने तस्वीर में उठाए जा रहे सवालों की पड़ताल की है. दरअसल बीजेपी नेता गौरव तिवारी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वैक्सीन लगाये जाने वाली तस्वीर जारी करते हुए लिखा कि, मुख्यमंत्री ने दूसरा डोज निडल का ढक्कन खोले बगैर ही ले लिया. उन्होंने तस्वीर के संदर्भ में यह भी लिखा कि, थोड़ा जूम करके देखिए दिखेगा. दरअसल गौरव तिवारी वैक्सीन देने के लिए इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन के निडल कैप की ओर इशारा कर रहे हैं, जिसमें निडल कैप वैक्सीन देने के पहले नहीं हटाया गया है.
लल्लूराम डाॅट काम ने मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायपुर यानी मेकाहारा के वैक्सीन सेंटर में उस टीम से बातचीत की, जो मुख्यमंत्री को वैक्सीन लगाए जाने के दौरान ड्यूटी पर मौजूद थी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को नर्स दीपेश्वरी चंद्राकर ने वैक्सीन लगाया था. नर्स ने फैक्ट चेक के दौरान यह जानकारी दी कि मुख्यमंत्री को वैक्सीन उन्होंने खुद ही लगाया था. उन्होंने कहा कि, वैक्सीन के इंजेक्शन की निडल कैप नहीं खोले जाने वाली तस्वीर किसने और कब ली, यह उन्हें नहीं पता.

ये है वीडियो ..

मेकाहारा सेंटर के वैक्सीनेशन इंचार्ज डाॅ.नरेश साहू ने कहा कि- सिर्फ एक तस्वीर के जरिए यह बात साबित नहीं हो जाती कि मुख्यमंत्री को वैक्सीन लगा है या नहीं. वैक्सीनेशन के दौरान लोगों ने वीडियो भी बनाए हैं. वीडियो में यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वैक्सीन लगाया गया है. उन्हें वैक्सीन लगाए जाने का पूरा रिकार्ड पोर्टल पर भी अपलोड किया गया है. डाॅक्टर साहू ने कहा कि ऐसी तस्वीर जारी कर सवाल उठाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
इधर मेकाहारा के डीन डाॅ. विष्णु दत्त ने लल्लूराम डाॅट काम से बातचीत में कहा कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वैक्सीन का दूसरा डोज लगाया गया है. वैक्सीनेशन के दौरान डीएमई, कलेक्टर-एसपी, सीएमएचओ की भी मौजूदगी थी.

वायरल तस्वीर और वीडियो बता रहे सच

इधर सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता गौरव तिवारी ने जो तस्वीर पोस्ट की है, उस तस्वीर में निडल कैप खोला नहीं गया है, लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह ने फेसबुक पर वैक्सीन लगाए जाने के दौरान लिए गए वीडियो को जारी किया है. इस वीडियो में यह साफ नजर आ रहा है कि नर्स ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को निडल हटा इंजेक्शन लगाया. इस वीडियो में एक सेकंड के लिए इंजेक्शन मुख्यमंत्री के हाथों में लटकता हुआ भी नजर आ रहा है. इसके अलावा गौरव तिवारी की जारी की गई फोटो के पीछे हाउसिंग बोर्ड के चेयरमेन कुलदीप जुनेजा खड़े नजर आ रहे हैं, वहीं वैक्सीन लगाने वाले वीडियो में भी कुलदीप जुनेजा उसी जगह पर खड़े दिखाई पड़ रहे हैं. तस्वीर और वीडियो में नजर आ रहे सभी लोग समान हैं.

तो क्या है निडल कैप दिखने की असलियत?

लल्लूराम डाॅट काम की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि सोशल मीडिया वायरल हो रही फोटो में वैक्सीन देने के लिए तैयार किए गए इंजेक्शन में वाकई निडल कैप लगा हुआ था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वैक्सीन नहीं लगाई गई. दरअसल मुख्यमंत्री को वैक्सीन लगाए जाने के बाद वहां पहुंचे फोटोग्राफरों ने दोबारा तस्वीर लिए जाने का अनुरोध किया. इस पर नर्स ने एक सामान्य इंजेक्शन हाथों में उठाते हुए वैक्सीन लगाए जाने का प्रोसेस तस्वीर के लिए दोहराया. ऐसे पड़ताल कहती है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वैक्सीन का दूसरा डोज लिया है. वायरल तस्वीर भ्रामक साबित हुई है.

मुख्यमंत्री ने की अपील

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोगों से अपील की है कि वे कोरोना से बचाव के लिए अपनी बारी आने पर टीका अवश्य लगवाएँ. जिन लोगों ने टीके की पहली डोज लगवा ली है, वे निर्धारित समय में दूसरी डोज लगवाएं, क्योंकि टीका ही कोरोना से बचाव का एक कारगर उपाय है. टीका लगवाने के बाद भी सभी लोग कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करें. मास्क लगाएं, समय-समय पर हाथ की सफाई करें और फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखें। भीड़-भाड़ में जाने से बचें. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के सहयोग व परिश्रम से छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफलता मिली है.