रायपुर– जिस वक्त पर देश वैक्सीन की कमीं से जूझ रहा है और सम्पूर्ण वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पूरा करने के लिये केन्द्र और राज्य सरकारें दिन-रात माथापच्ची कर रही है,ऐसे वक्त पर वैक्सीन लगवा रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की फोटो को भ्रामक तरीके से प्रचारित कर सियासत करने की घिनौनी कोशिश हो रही है. राज्य की प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के कुछ नेताओं ने बिना तथ्य को जाने एक ऐसे फोटो को वायरल कर दुष्प्रचार करना शुरु कर दिया,जिसका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं है. लल्लूराम डॉट कॉम ने अपने पड़ताल में पाया कि मुख्यमंत्री ने देर से अस्पताल पहुंचे एक फोटोग्राफर के निवेदन पर ऐसा फोटो खींचा लिया था,जिसमें निडिल से कैप नहीं हटाया गया था,जबकि वीडियो में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि सीएम भूपेश ने विधिवत तरीके से कोरोना का वैक्सीन लगवाया था.
सवाल ये उठता है कि इस तरह की गलत तस्वीर को सोशल मीडिया में वायरल करने वाले लोग आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं? क्या ऐसे लोग वैक्सीनेशन के लिये चलाये जा रहे महाभियान में गंभीर बाधा नहीं डाल रहें हैं? एक तरफ छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों से लगातार खबरें आ रही है कि टीके को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई है. टीका लगने के बाद कुछ एक लोग की मृत्यू हो जाने से यह अफवाह फैल गया कि टीका जानलेवा है, इसलिये लोग टीका लगवाने से बचने लगे हैं.जबकि डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने टीका लगने के बाद होने वाली मौतों के मामलों का अध्ययन किया,तो पाया कि वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और मृत्यू किन्हीं दूसरे कारणों से हुई है. कुछ एक मामलों में यह पाया गया है कि कोविड के लक्षण वाले मरीजों ने जानकारी छिपाकर वैक्सीन लगवाई और उनकी स्थिति बिगड़ गई.इसी प्रकार आदिवासी बहुल बस्तर के ग्रामीण अंचलों में इस बात की अफवाह फैल गई है कि वैक्सीन लगवाने के बाद बांझपन की बीमारी हो जाती है,जबकि इस अफवाह में भी कोई सच्चाई नहीं है. इन सभी भ्रांतियों को दूर करने के लिये राज्य सरकार जन जागरुकता कार्यक्रम जोर शोर से चला रही है. सीएम भूपेश बघेल हर प्रचार माध्यमों के जरिये आम लोगों से वैक्सीन लगवाने की पुरजोर अपील कर रहें हैं. इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को फील्ड में उतारकर आम लोगों को जागरुक करने का जिम्मा भी दिया है. इन दिनों ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहें हैं,जिनमें वैक्सीनेशन का विरोध करने वाले ग्रामीणों को अलग अलग तरीके से समझाइश देते अधिकारी गण नजर आते हैं.
अफवाह और भ्रांतियों के इस दौर में आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन कराना एक गंभीर चुनौती है. इस चुनौतीपूर्ण काम को पूरा कर कोरोना महामारी को भगाने के लिये विपक्ष को सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिये.भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी स्थानीय नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को गांवों में वैक्सीनेशन कार्य में अहम भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दी है.लेकिन यहां तो भाजपा के नेता ही इस कठिन दौर में भ्रम फैलाने का काम कर रहें हैं. क्या वैक्सीनेशन कराते मुख्यमंत्री की फोटो का गलत तरीके से प्रचार करने से गांवों में फैली अफवाहों को और बल नहीं मिलेगा ? एक तो पूरा प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाएं गांवों में वैक्सीनेशन को लेकर सकारात्मक माहौल बनाने में लगे हैं,ऐसे में शरारतपूर्ण तरीके से फोटो वायरल करने से क्या गांवों में वैक्सीन को लेकर नकारात्मक वातावरण नहीं बनेगा ? क्या विपक्ष नहीं चाहता कि वैक्सीनेशन को लेकर गांवों में सकारात्मक वातावरण बने ? क्या इस तरह का दुष्प्रचार करने से छत्तीसगढ़ के दूरस्थ इलाकों में रहने वाले भोले भाले ग्रामीणों का भला होगा ? क्या ऐसे वातावरण में कोरोना मुक्त छत्तीसगढ़ का सपना साकार हो पायेगा ? इसलिये सलाह है कि सियासत करने का मुद्दा तो आपको हमेशा मिलता रहेगा,लेकिन प्लीज ऐसे संवेदनशील मामले में सियासत कर छत्तीसगढ़ को पीछे ढ़केलने वाले रास्ते में मत चलिये .
लेखक- मनोज सिंह बघेल,संपादक,लल्लूराम डॉट कॉम