सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। लॉकडाउन में मंदिर बंद होने से पुजारियों की आर्थिक स्थिति पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ा है. पुजारियों की सारी बजट खत्म हो गई है. अब उन्हें घर चलाना मुश्किल हो गया. जानकारी के मुताबिक, रायपुर में कुल 10 हजार छोटे-बड़े मंदिर है. इन मंदिरों पर आश्रित हजारों पुजारियों की रोजी-रोटी छीन गई है. उनके बचे हुए पैसे भी खत्म हो गए हैं.

अब पुजारी इस उम्मीद में हैं कि शर के सभी मंदिर जल्द खोले जाए, क्योंकि अनलॉक के तहत अधिकतर व्यवसाय खोले जा चुके हैं. कई ऐसे परिवार भी है जो मंदिरों के बाहर पूजन सामग्री विक्रय करने का काम करते हैं, उनकी भी आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी है, क्योंकि ये भी मंदिर खुलने की राह तक रहे हैं.

महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला बताते हैं कि पिछली बार भी मंदिरों को ही देर से खोला गया था, अब सभी तरह की गतिविधियां संचालित की जा रही है. हमारी मांग है कि जल्द ही इस पर भी फैसला लिया जाए, क्योंकि पंडित परिवारों की आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा खराब हो चुकी है और बचे हुए पैसे भी खत्म हो चुके हैं. यदि मंदिर खुलते हैं तो शासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन हमारे द्वारा भी किया जाएगा.

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