पत्थलगांव। जिले का कांसाबेल इलाके में एक किशोरी की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी देखने को मिली. किशोरी का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया. बगीचा एसडीएम से अनुमति के बाद शव को दोबारा खोद कर कांसाबेल पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया.

4 दिन बाद शव का पोस्टमार्टम

ये मामला कांसाबेल थाना क्षेत्र के चिडोरा गांव का है. जहां 17 साल की एक लड़की की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई. उसे अस्पताल लाया गया था. अस्पताल में इलाज के दौरान लड़की की मौत हो गई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी. इसके कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका. परिजनों ने लड़की के शव को दफन कर दिया.

कब्र खोदकर शव निकाला गया बाहर

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक के अनुसार चिडोरा निवासी देवकी प्रधान 29 मई को दोपहर 2:30 बजे अपने घर के पीछे स्थित आम और जामुन के पेड़ के तरफ गई थी. इसी समय बारिश शुरू हुई और आकाशीय बिजली की चपेट में आ गई. इसके बाद वह मौके पर ही बेहोश हो गई. उसे परिजनों ने अस्पताल लाया. जहां उसकी मौत हो गई. मौत के बाद परिजन शव को गांव ले गए. जहां जंगल किनारे उसे दफन कर दिया. इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी गई.

कासाबेल अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण 4 दिन बाद दफन शव को बाहर निकाला गया.  एसडीएम बगीचा से अनुमति लेकर दफन शव को निकाला गया. पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गई.

परिजनों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि आकाशीय बिजली से मौत के बाद पोस्टमार्टम कराया जाना अनिवार्य होता है. इसी के तहत मुआवजा प्रकरण तैयार किए जाते हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की पूरी जानकारी थी. इस प्रकार की संदिग्ध मौत पर पोस्टमार्टम कराया जाना अनिवार्य है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही बरती.

थाना प्रभारी टेकराम सारथी ने बताया कि घटना की सूचना पर संज्ञान लेते हुए बगीचा एसडीम से अनुमति के बाद शव को निकाला गया. इसके बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की गई. इसके बाद शव को परिजनों को सौंपा गया.

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