सत्यपाल राजपूत, रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग का अनुकंपा नियुक्ति आदेश मील का पत्थर साबित हुआ है. छत्तीसगढ़ में पहली बार एक सप्ताह में 697 लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है. कोरोना संक्रमण से 400 शिक्षकों की मौत हुई थी. वहीं 527 कोमार्बिलिटी की वजह से जान गई थी. विभाग में कुल 927 परिजनों ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया है. कुछ आवेदन डॉक्यूमेंट की कमी के कारण प्रक्रियाधीन है, तो कुछ आवेदन अपात्र घोषित किया गया है.

लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि यह विभागीय संवेदना को दर्शाती है कि सबने मिल कर हमारे मृतक साथियों के परिजनों को राहत दी है. ये तभी संभव हो सका है जब CM भूपेश बघेल ने अनुकंपा नियुक्ति नियम में राहत दी है. 10 प्रतिशत का बैरियर ख़त्म किया गया है. तीसरे वर्ग के लिए रास्ता खोला गया है. नियम में बदलाव के बाद तत्काल राज्य स्तरीय बैठक बुलाकर सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि अनुकंपा नियुक्ति आदेश जारी करें.

जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि जिन लोगों का आवेदन नहीं आ पाया है या आवेदन में कमी है उसमें स्वयं भीड़ कर काग़ज़ी प्रक्रिया पूरा कराने का निर्देश दिया गया. फलस्वरूप एक सप्ताह में 697 लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है साथ ही जो अपात्र हुए हैं उनको एक बार फिर से परीक्षण करने का आदेश दिया गया है. जो प्रक्रियाधीन है उनको तत्काल पूर्ण कर नियुक्ति आदेश जारी करने का आदेश दिया गया है.

गौरतलब है कि लल्लूराम डॉट कॉम की मुहिम रंग लाई है. छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित पोर्टल ने शिक्षकों को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने के लिए एक अभियान चलाया था. लगातार परिजनों की समस्याएं विभाग के सामने रखा. खबर प्रकाशित होने के बाद कैबिनेट में अनुकंपा नियुक्ति के लिए 10 प्रतिशत की बाध्यता एवं तीसरे वर्ग के लिए रास्ता खोला गया. जिसके बाद विभागीय प्रक्रिया में तेज़ी आई और एक हफ़्ते में शिक्षा विभाग ने लगभग 697 लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दी.

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