लखनऊ. उत्तर प्रदेश में जमीन घोटाले में धांधली के आरोपी तीन उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) को डिमोट कर तहसीलदार बनाया गया है. सरकार ने तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया है.
नियुक्ति विभाग की ओर से शनिवार को इसके आदेश जारी कर दिए गए. एसडीएम प्रयागराज रामजीत मौर्य ने मीरजापुर में तहसीलदार के पद पर तैनाती के दौरान जमीन संबंधी एक मामले में नियमों को दरकिनार करते हुए मनमाने तरीके से फैसला दिया था. यह जमीन कई एकड़ में है और इसकी कीमत करोड़ों रुपये में बताई जा रही है. धांधली की शिकायत होने पर इस मामले की जांच कराई गई, तो इसमें रामजीत मौर्य दोषी पाए गए. दूसरा मामला एसडीएम श्रावस्ती जेपी चौहान का है. उन्होंने पीलीभीत में तहसीलदार के पद पर रहते हुए एक जमीन के मामले में मनमाने तरीके से फैसला दे दिया.
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वहीं तीसरा मामला एसडीएम मुरादाबाद अजय कुमार का है. इन्होंने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनाती के दौरान एक जमीन के मामले में मनमाने तरीके से नियमों को ताक पर रखकर कार्यवाही की. आरोप है कि अधिग्रहण के बावजूद इस जमीन को छोड़ने का काम किया गया. इस जमीन को एक प्रभावशाली व्यक्ति को देने के लिए यह सारा खेल किया गया. इन तीनों मामले की जांच कराई गई और जांच के बाद इन्हें दोषी पाया गया.
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