दिनेश, कुमार इन्दर, सागर/ जबलपुर। कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. मध्य प्रदेश के सागर स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में शनिवार को एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन लगाने के बाद म्यूकोर्मिकोसिस यानी ब्लैक फंगस के 27 रोगियों की तबीयत बिगड़ गई. इन रोगियों में फीवर और उल्टी की शिकायत होने लगी. यह इंजेक्शन संक्रमण को रोकने के लिए ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों को लगाया जाता है. हालांकि इस मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथ लिया है. पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार पैसे बचाने के लिए आमजनों की जान जोखिम में डालने से नहीं चूक रही है.
मेडिकल कॉलेज में मरीजों पर इंजेक्शन के साइड इफेक्ट को लेकर अस्पताल प्रबंधन ने अन्य मरीजों को इंजेक्शन लगाने पर रोक लगा दिया. बीएमसी के मीडिया प्रभारी डॉक्टर उमेश पटेल ने बताया कि मरीजों को शासन की तरफ से भेजे गए एम्फोटेरेशिन-बी इंजेक्शन लगाया गया था. जिसके बाद मरीजों की तबीयत बिगड़ने लगी. आनन फानन में इंजेक्शन पर रोक लगाते हुए सभी का सिम्प्टोमैटिक ट्रीटमेंट शुरू किया गया. हालांकि प्रबंधन ने दावा किया है कि अब मरीजों की हालत सामान्य है.
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जानकारी के मुताबिक बुदेंलखंड मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के कुल 42 मरीज भर्ती हैं. इनमें से 27 को यह इंजेकशन दिया गया था, जिनकी हालात बिगड़ने लगी. प्रभावित मरीजों का सिप्टोमेटिक ट्रीटमेंट कर हालात काबू में किए गए हैं. कॉलेड में ब्लैक फंगस के 42 मरीजों का इलाज जारी है. हाल ही में मेडिकल कॉलेज को 350 एंटी फंगस इंजेक्शन सरकार द्वारा भेजे गए थे.
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जबलपुर में भी मरीजों की बिगड़ी हालत
सागर और इंदौर के बाद जबलपुर के नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज में भी ब्लैक फंगस के एम्फोटेरेशिन-बी इंजेक्शन लगने के कुछ देर में ही मरीजों की हालत बिगड़ गई. मरीजों में इंजेक्शन का रिएक्शन सामने आने बाद तत्काल उस बैच नम्बर के सभी इंजेक्शन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. इंजेक्शन देने के कुछ देर बाद ही मरीजों को जोरदार ठंड लगने लगी, मरीजों को उल्टी होने लगी थी. आपको बता दे कि, वार्ड नंबर 20 और 5 में भर्ती 61 मरीजों को ये इंजेक्शन लगाए गए थे. जिसमें से 50 मरीजों की तबियत बिगड़ गई थी.
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कांग्रेस ने की जांच की मांग
पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि एंटी फंगल इंजेक्शन की सप्लाई सिर्फ सरकार के माध्यम से की जा रही है. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के मरीजों को बीते शुक्रवार तक जो इंजेक्शन लगाए गए उसकी कीमत लगभग सात हजार रूपए थी. जबकि शनिवार को जो इंजेक्शन लगाए गए उसकी कीमत लगभग 324 रूपए है. जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि शासन स्तर पर सस्ते इंजेक्शन की खरीदी कर मरीजों की जान जोखिम में डालने का काम किया जा रहा है. मांग करते हुए चेतावनी देते हुए कहा है कि ब्लैक फंगस के मरीजों को एंटी फंगल इंजेक्शन जो बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर सहित प्रदेश की समस्त शासकीय अस्पतालों में सप्लाई किए गए हैं, सभी इंजेक्शनों की सप्लाई की उच्च स्तरीय जांच की जाकर दोषियों पर कार्रवाई की जाए अन्यथा की स्थिति में कांग्रेस पार्टी चुप बैठने वाली नहीं है.
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