सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ग्रेडिंग इंडेक्स जारी कर दिया गया है. इसमें छत्तीसगढ़ स्कूली शिक्षा में पिछड़ा हुआ है. परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में छत्तीसगढ़ 7वीं कैटगरी में शामिल हैं, जिसमें उत्तरी-पूर्वी राज्य नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश भी शामिल हैं.
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने कहा की रिपोर्ट 2018-19 का रिपोर्ट जारी हुआ है अब स्तर में बहुत सुधार हुआ है लगातार जारी है. शिक्षकों की कमी अब नहीं के बराबर है. संविलियन कर लिया गया है. विद्यार्थियों के स्तर में भी सुधार आया है. स्कूलों की संख्या बढ़ी है. अंग्रेजी स्कूल प्रदेश भर में खोला गया है. विकट स्थिति के बाद भी मध्यान्ह भोजन बंद नहीं हुआ है. सूखा राशन दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ नीति आयोग ने भी छत्तीसगढ़ की तारीफ की है. रैंकिंग में आज देश का एक भी राज्य पहले स्थान पर नहीं है, लेकिन हमारे प्रयास से अगली बार के रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ पहले या दूसरे स्थान पर होगा. इसके लिए चुनौती पूर्ण काम जारी है. पढ़ाई तुहर द्वार के साथ अन्य प्रयासों की देश में तारीफ़ हुई है. इस माध्यम से सिर्फ़ राज्य के विद्यार्थी ही नही बल्कि दूसरे राज्यों के लाखों विद्यार्थी लाभ ले रहे हैं.
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शिक्षा में खत्म हो गई गुणवत्ता
परफ़ॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेस्क में छत्तीसगढ़ के सातवें नम्बर पर आने पर तंज कसते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि
कई मामलों में छत्तीसगढ़ पिछड़ा हुआ है. राज्य सरकार जितनी बातें करती है, जमीनी हकीकत वैसी है नहीं. पांच राज्यों की ग्रेडिंग ज्यादा बेहतर है, लेकिन छत्तीसगढ़ की स्थिति लगातार गिर रही है. सरकार बनने के बाद से एक भी नया स्कूल खोलने का प्रावधान नहीं रखा गया. शिक्षा में जो गुणवत्ता होनी चाहिए, वह खत्म हो चुकी है, इसलिए ये गिरावट दिखाई दे रही है.
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