पीलीभीत. अक्सर सांपों का नाम सुनते ही लोग सहम जाते हैं. मन डर से थरथर कांपने लगता है. लेकिन एक एसी जगह है जहां नाग, रसेल वाइपर और करैत समेत विभिन्न प्रजाति के सांपों की दुनिया है. यहां बारिश में अब सांपों का निकलने का सिलसिला जारी हो गया है. वहीं जहरीली सापों से ग्रामीणों को खतरा भी है. अगर सांपो का संसार देखना है तो पीलीभीत टाइगर रिजर्व इन दिनों बेहतर है. यहां अब सांप सैर करते दिख रहे हैं.
पीटीआर में वन्यजीवों के अलावा यहां पक्षियों और तितलियों की कुछ ऐसी प्रजातियां पाई जाती हैं, जो शेड्यूल वन की श्रेणी में आती हैं. पीटीआर और उसके आसपास क्षेत्र में सरीसृप वर्ग के जीव भी पाए जाते हैं. इन दिनों पीटीआर और उसके आसपास के आबादी वाले क्षेत्रों में सांपों के निकलने का सिलसिला शुरू हो गया है. हालांकि इससे लोगों में डर का माहौल बन गया है, वहीं वन विभाग के लिए इन सांपों को बचाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है. पीटीआर और आसपास के इलाकों में विभिन्न तरह के सांपों की 16 प्रजातियां चिह्नित हो चुकी हैं.
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पीलीभीत टाइगर रिजर्व में विशालकाय अजगर से लेकर महज 170 मिलीमीटर लंबा कॉमन ब्लाइंड स्नेेक भी शामिल है. जहरीले सांपों में नाग, रसेल वाइपर और करैत को चिह्नित किया गया है. उनके मुताबिक 16 प्रजातियों में कुछ तो पीटीआर में पाई गई हैं, जबकि कुछ प्रजातियां आबादी, बागों और खेतों में पाई गई. दुर्लभ प्रजाति का रेड कोरल कुकरी सांप, चेकर्ड कील बैक वाटर स्नेक, कॉमन ब्राउंज बैक, कॉमन बूल्फ और कॉमन ब्लाइंड भी पाया जाता है.
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