यशवंत साहू, भिलाई। पुलिस विभाग अब डॉग्स के मामले में आत्मनिर्भर बन रहा है. पुलिस विभाग में सेवाएं ली जाने वाले डॉग्स की खरीदी दूसरे राज्यों से बंद हो गई है. अब भिलाई में ही ब्रीडिंग सेंटर खुल गया है. जहां के डॉग्स प्रदेशभर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

पिछले 2 साल के दौरान ब्रीडिंग सेंटर 32 डॉग्स का जन्म हुआ है. सबसे तेज तर्रार व समझदार बेल्जियम शेफर्ड नस्ल के डॉग्स के बच्चों ट्रेंड करके उन्हें पुलिस दल में शामिल किया जा रहा है. पिछले डेढ़ साल में इन श्वान की मदद से पुलिस ने 100 चोरी-हत्या और 66 बम के सुराग तलाशे हैं.

इतना ही नहीं अब विदेशों की तर्ज पर अपने यहां नशीली पदार्थों की तस्करी को पकड़ने के लिए डॉग्स को ट्रेंड किया जा रहा है, जो सूंघ कर बता देंगे कि किस जगह व किस वाहन में ऐसे सामानों की स्मगलिंग हो रही है.

भिलाई 7वीं वाहिनी, छत्तीसगढ़ सस्त्रबल के कमांडेंट विजय अग्रवाल ने बताया कि पिछले 3 साल पहले तक पुलिस दल में शामिल होने वाले श्वान की खरीदी उसके नस्ल व जरूरत के हिसाब से हैदराबाद, मेरठ, नागपुर समेत अन्य जगहों से की जाती थी. भिलाई स्थित राज्य श्वान प्रशिक्षण केंद्र में पहला ब्रीडिंग सेंटर खोला गया. 2019 में बेल्जियम शेफर्ड के तीन श्वान से 22 बच्चे जन्में, इसके बाद अप्रैल 2021 में 10 बच्चे हुए. 3 डॉगी डोनेट से मिले हैं. 2019 वाले डॉग्स को ट्रेंड कर अलग-अलग जिलों व टारगेट पर तैनात किया गया है.

नशीली पदार्थों को ढूंढने दी जा रही ट्रेनिंग

इनमें से आधे को बम ट्रैकर व आधे को खोजी एक्सपर्ट के रूप में तैयार किया गया है. आज ये श्वान नक्सल एरिया में बम तलाशने के साथ अन्य जिलों के चोरी, गुमशदगी व हत्या के बड़े बड़े सुराग तलाशने में सफल हो रहे हैं. इस सेंटर से इन्हें ट्रेंड कर भेजा जाता है. ओडिशा सीमा समेत अन्य मार्गों के माध्यम से होने वाले नशीले पदार्थों की तस्करी पकड़ने के लिए अब भिलाई सेंटर में पहले चरण में दो डॉग्स को ट्रेंड किया जाएगा. यहां इन्हें अलग अलग नशीली पदार्थों को पकड़ने बाकी ट्रेंनिग दी जाएगी. इसके बाद अगला बैच तैयार किया जाएगा.

एक नजर में पुलिस डॉग्स की उपलब्धियां

– प्रदेश में 2005 से अब तक इन श्वान की मदद से 907 केस सुलझाए गए हैं.

– इनमें 389 बम विस्फोट तलाशे गए और 518 केस चोरी, हत्या व गुमशदगी के थे.

– छोटे केस को भी शामिल करें तो 2000 से ज्यादा हिंट मिले होंगे.

– जनवरी 2020 से इन ट्रेंड पुलिस डॉग्स ने 16 जिलों में ही 100 चोरी, हत्या के केस के सुराग और 66 विस्फोटक तलाशे हैं.

– प्रदेश के पुलिस दल में शामिल ट्रेंड श्वान की संख्या 88 है. इसमें से सबसे ज्यादा बीजापुर में 8 डॉग्स हैं, जिनमें 6 बम ट्रैकर व 2 खोजबीन वाले हैं.

– इसके बाद सीटीजेडब्लू कॉलेज कांकेर में 6, सुकमा में 5, राजनांदगांव में 5, रायपुर में 5 व बिलासपुर में 5 श्वान हैं. एसटीएफ बघेरा दुर्ग में 4, कोंडागांव में 4 समेत अन्य जिलों में भी कुल 88 डॉग्स की पोस्टिंग है.

ट्रेंड भी बदल गया

भिलाई सेंटर के डॉग ट्रेनिंग एक्सपर्ट पीसी सुरेश कुशवाहा ने बताया कि आज प्रदेश में पुलिस दल में कुल 88 डॉग्स में से 40 बेल्जियम शेफर्ड नस्ल के हैं. बेल्जियम शेफर्ड आज सभी राज्यों व पैरामैट्री में तैनात हैं. ये एक बार में 12 किमी जा व 12 किमी आ सकते हैं. जबकि लेब्राडोर को कुछ देर का आराम लगता है. इन डॉग्स की 12 साल तक इस तरह की एनर्जी व काबिलियत रहती है. इसके बाद इन्हें रिटायरमेंट कर दिया जाता है.

read more- Chhattisgarh Ranked Second by Central Department of Health and Family Welfare for the FY 2021-22