रायपुर। टूलकिट मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी है. इस पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय का बयान सामने आया है. उन्होंने राजधानी के सिविल लाइंस थाने में दोनों के खिलाफ दर्ज एफ़आईआर पर विवेचना समेत पूरी कार्रवाई पर रोक लगाए जाने के निर्णय पर खुशी व्यक्त की है. उन्होंने इस फैसले को न्याय, लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सत्य की जीत बताया है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार संभवत: देश की ऐसी पहली सरकार होगी, जिसने अपने महज़ ढाई साल के कार्यकाल में राजनीतिक नज़रिए से लिए गए अमूमन सभी फ़ैसलों के लिए हर बार हाईकोर्ट की फटकार खाई है. बावज़ूद इसके यह सरकार अपनी ओछी राजनीति और हरक़तों से बाज आने को तैयार ही नहीं है. इससे पहले भी भाजपा प्रवक्ता पात्रा के खिलाफ एफआईआर के मामले में हाईकोर्ट की फटकार खा चुकी है.

इस बार तो हाईकोर्ट ने साफ-साफ कहा है कि इस मामले में विवेचना को जारी रखना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा. साय ने कहा कि एक तरफ प्रदेशभर के थानों में पीड़ितों की एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने की शिकायतें आम हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार ने राजनीतिक विद्वेष और प्रतिशोध भंजाने की बदनीयती का प्रदर्शन किया है. सरकार ने भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ पूरे पुलिस तंत्र को झोंक रखा है.

विष्णुदेव साय ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ टूलकिट मामले में भी प्रदेश सरकार की तरफ से दर्ज एफआईआर को इसी राजनीतिक प्रतिशोध का प्रतीक बताया है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी यह टिप्पणी की है कि यह पूरी कार्रवाई राजनैतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित लगती है.

साय ने कटाक्ष करते हुए कहा कि एसआईटी गठन के लगभग हर मामले में हो या पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के तौर पर सियाराम साहू की बहाली का मामला हो, वैक्सीनेशन में आरक्षण की राजनीति हो या वैक्सीनेशन अभियान, हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए प्रदेश सरकार को उसके रवैए पर हर बार कड़े शब्दों में फटकारा है. इसके बावज़ूद यह प्रदेश सरकार अपनी राजनीतिक क्षुद्रता के प्रदर्शन पर हमेशा आमादा रही है.

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