दिल्ली. इजराइल में सत्ता परिवर्तन हो गया है. बेंजामिन नेतन्याहू के 12 साल के लंबे शासन का अंत होने के बाद अब दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के 49 वर्षीय नेता नफ्ताली बेनेट नए प्रधानमंत्री बने हैं, मगर फलीस्तीन के साथ दुश्मनी अब भी जारी है. नई सरकार के बाद भी दोनों देशों की दुश्मनी में कोई अंतर नहीं आया है. इजराइल और गाजा एक बार फिर आमने सामने हो गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार इजराइल ने गाजा पट्टी पर एकबार फिर हमला बोल दिया है.
इजराइल ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए एक बार फिर गाजा पट्टी पर अपने लड़ाकू विमानों के जरिए रॉकेट दागे गए हैं. जिसे 21 मई को हुए सीजफायर के अंत के रूप में देखा जा सकता है. इजराइल द्वारा किए गए इस हमले के सीजफायर समझौते के बाद सबसे बड़ी घटना है.
इस हमले के बारे में इजराइल ने कहा है कि उसने ये हमला तब किया, जब हमास की तरफ इजराइल की तरफ आग के गोले दागे गए हैं. इससे ठीक पहले हाल ही में इजराइली दक्षिणपंथियों ने पूर्व जेरूसलम की तरफ मार्च किया था, जिसमें काफी उत्तेजक नारे भी लगाए गए थे, जिसके बाद फिलिस्तीन इससे नाराज था.
आपको बता दें कि 11 दिन तक चला हमास और इजराइल के बीच का युद्ध, एक दशक के भीतर चौथा युद्ध था. जिसका अंत 21 मई, 2021 के दिन एक सीजफायर समझौते के रूप में हुआ था. जिस सीजफायर समझौते का अब अंत होता नजर आ रहा है, इस युद्ध में इजराइल और हमास दोनों की तरफ से सैंकड़ों हवाई हमले किए गए थे. जिनमें 250 से अधिक लोगों की जाने भी गई थी, उनमें भी अधिकतर फिलिस्तीनी नागरिक थे.
इजराइल के डिफेंस फोर्स ने बयान देते हुए कहा है कि उसके फाइटर विमानों ने खान यूनिस और गाजा शहर में हमास द्वारा संचालित किए जा रहे मिलिट्री अड्डों पर हमला किया है. इजराइल आर्मी ने कहा है कि इन जगहों पर आतंकी गतिविधियां संचालित की जा रहीं थीं. और इजराइली फोर्स ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार है, चाहे गाजा स्ट्रिप की तरफ से आतंकी गतिविधियों के रूप में युद्ध की दोबारा से शुरुआत क्यों न हो.
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