छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में चर्चा केवल केवल भूपेश बघेल और उसकी ज़मीन का मामला है. इस मामले को लेकर कांग्रेस के छत्तीसगढ़ के नेता भूपेश बघेल के हक़ में खुलकर बोलने लगे हैं. भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ में सक्रिय सबसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता चरणदास महंत और विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव का खुला समर्थन मिला है.
लल्लूराम से बातचीत में चरणदास महंत ने कहा कि ये राजनीतिक षडयंत्र का हिस्सा है. 22 साल पुराने मामला में राजनीतिक षडयंत्र करके जो व्यक्तिगत आरोप लगा रहे हैं वो गलत है. जब उनसे पूछा गया कि क्या इससे कांग्रेस को नुकसान होगा तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा भूपेश ने सरकार को पूरा जांच कराने का चैलेंज किया है. सरकार जांच करा ले.
इस मसले पर चरणदास महंत से ज्यादा आक्रामक विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव हैं. टीएस सिंहदेव ने कहा कि इस मामले में भूपेश बघेल को कोई फायदा नहीं पहुंचाया गया बल्कि उन्हें नुकसान हुआ है. विधायक होने के नाते उन्हें बेहतर जगह पर प्लॉट मिलना था. उसे रद्द करवा कर वर्तमान जगह पर प्लॉट मिला. उन्होंने कहा कि जो प्लॉट उन्हें मिला है उसे उन्होंने ज्यादा कीमत देकर खरीदा है. टीएस सिंहदेव ने ये भी कहा कि उस वक्त भूपेश उस समिति के पदेन सदस्य थे और वे मीटिंग में भी नहीं थे लिहाज़ा उन पर प्रभावित करके प्लॉट लेने का आरोप पूरी तरह गलत है.
टीएस सिंहदेव ने भूपेश बघेल के उस आरोप को दोहराया कि ये रमन और जोगी की जुगलबंदी का नतीजा है. उन्होने कहा कि जग्गी हत्याकांड के बाद से दोनों की जुगलबंदी लगातार दिखती रही है.जिसकी आंखों पर पट्टी बंधी है उसे ही यह जुगलबंदी नहीं दिखती. उन्होंने कहा कि जग्गी हत्याकांड के समय से ही दोनों मिलकर काम कर रहे हैं. और दोनों की मिलीभगत का नतीजा है कि भूपेश को साज़िश करके फंसाने की कोशिश हो रही है.