लखनऊ. पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने जबरिया रिटायरमेंट के आदेश को चुनौती दी है. इस पर केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच ने बुधवार को केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

बता दें कि अमिताभ को केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा 23 मार्च 2021 को अनिवार्य सेवानिवृति दी गई थी. इस पर कैट के प्रशासनिक सदस्य ए. मुखोपाध्याय की बेंच ने अमिताभ, केंद्र सरकार की अधिवक्ता प्रयागमती गुप्ता और राज्य सरकार के अधिवक्ता एसएस राजावत को सुनने के बाद जवाब मांगा है. अमिताभ ने कैट को बताया कि यह आदेश पूरी तरह मनमाना और अस्पष्ट है, जिसमें आदेश देने का कोई कारण भी नहीं बताया गया है. उन्होंने इस संबंध में केंद्र सरकार से जानकारी मांगी तो मना कर दिया गया. इतना ही नहीं उन्हें पहले आरटीआई एक्ट की धारा 8(1)(आई) और बाद में धारा 8(1) (जे) के तहत भी सूचना देने से मना कर दिया गया.

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कैट के आदेश पर केंद्र और राज्य सरकार के अधिवक्ताओं ने जवाब देने के लिए आठ सप्ताह का समय मांगा है. इसके बाद कैट ने केंद्र व प्रदेश सरकार को छह सप्ताह का समय देते हुए छह अगस्त 2021 को सुनवाई की अगली तारीख नियत की. अमिताभ ने इस आधार पर इसका विरोध किया गया कि प्रदेश सरकार के आदेश से उन्हें गंभीर सामाजिक व वित्तीय क्षति पहुंची है. उन्होंने कहा कि वे सरकार का जवाब आने के बाद मात्र एक सप्ताह में अपना जवाब दे देंगे. वे शीघ्र इस मामले का निस्तारण चाहते हैं.

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