लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कार्यरत 2413 शिक्षक फर्जी दस्तावेजों से नौकरी करते मिले हैं. इनमे से फर्जी दस्तावेजों से नौकरी करने वाले 2336 शिक्षकों को बर्खास्त करने के साथ ही करीब 1883 के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है.

विभाग के अनुसार फर्जी दस्तावेजों के आधार पर काम करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. ये सभी शिक्षक अलग-अलग जांच में पकड़े गए हैं. असल में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला 2018 में तब शुरू हुआ जब एसआईटी ने एक जांच में आगरा विश्वविद्यालय की 4 हजार से अधिक डिग्री को जांच में गड़बड़ पाया. वहीं 2020 में एक और ऐसा मामला सामने आया जिसने हड़कंप मचा दिया. अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका के कई कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में कार्यरत होने और एक ही शिक्षिका के अलग-अलग जगह नौकरी कर वेतन लेने की पोल खुली. इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़े स्तर पर अभियान चलाकर फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए. इसके बाद विभाग ने सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच शुरू की. इसी बीच एसटीएफ ने भी कई फर्जी शिक्षक पकड़े.

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विभाग ने हाल ही में जो सूची तैयार की है उसके अनुसार अब तक 2413 फर्जी शिक्षक पकड़े जा चुके हैं. कोई फर्जी डिग्री से नौकरी कर रहा था तो कोई किसी और तरह से गड़बड़ी करके नौकरी में था. सबसे ज्यादा मामले आगरा में सामने आए हैं. डीजी स्कूल एजुकेशन विजय किरण आनंद के अनुसार फर्जी शिक्षकों को चिन्हित करने का अभियान जारी है.

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