आशुतोष तिवारी/सत्यपाल सिंह, रायपुर/जगदलपुर,। कोरोना काल में डॉक्टरों पर हुए हमले को लेकर शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने देशव्यापी हड़ताल किया. छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में भी इसका असर देखने को मिला. डॉक्टरों ने दोपहर को हाथों में काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान डॉक्टरों ने किसी भी तरह से अपने काम को रुकने नहीं दिया.

इस सांकेतिक धरना के बारे में डॉक्टरों ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शुक्रवार को पूरे भारत में डॉक्टरों के ऊपर लगातार हो रहे हमले को लेकर विरोध प्रदर्शन आह्वान किया है. डॉक्टरों का कहना है कि अब बहुत समय हो चुका है. देखा जाए तो आए दिन कहीं न कहीं डॉक्टरों पर हमला किया जा रहा है. जिसका आज पुरजोर विरोध किया जा रहा है.

सीनियर और जूनियर डॉक्टर रहे हड़ताल पर

उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज जगदलपुर, असम, कलकत्ता के अलावा कई जगहों पर आमजनों का गुस्सा डॉक्टरों को सहना पड़ता है. ऐसे में डॉक्टरों ने मांग की है कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए. जिसके चलते आज मेकाज के डॉक्टरों ने हाथ में काली पट्टी बांधकर अपने कामों को बिना रोके एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया. इस दौरान सभी सीनियर और जूनियर डॉक्टर से लेकर आला अधिकारी भी मौजूद रहे.

प्रदेश भर में हुआ हड़ताल

डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि डॉक्टरों पर हमले के विरोध में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में हड़ताल किया गया. हमारी मांग है कि देश में डॉक्टर और चिकित्सा परिसर की सुरक्षा के लिए एकीकृत कानून लागू किया जाए. जिससे डॉक्टरों का मनोबल बने रहे. उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले पर कड़ी कार्रवाई हो. इसी मांग को लेकर आज देश भर में प्रदर्शन जारी है. अपनी मांगो को लेकर प्रधानमंत्री के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया है. डॉक्टरों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की विस्तृत जानकारी दी गई.

केंद्रीय कानून बनाने की मांग

बता दें कि डॉक्टरों पर हमले के विरोध में देश भर के अलग-अलग हिस्से में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के स्टाफ और डॉक्टरों ने देशव्यापी प्रदर्शन किया. आईएमए ने डॉक्टरों को हिंसा से बचाने के लिए केंद्रीय कानून बनाने की मांग की है.

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