नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए देने से इंकार कर दिया है. सरकार ने कहा कि अगर सभी पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा तो एसडीआरएफ का सारा पैसा ही खर्च हो जाएगा. यह जानकारी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मुआवजे को लेकर दाखिल याचिका पर हलफनामा दायर कर दी. सरकार ने आगे कहा कि अगर सारा पैसा खर्च हो जाता है तो फिर कोविड-19 से निपटने और तूफान-बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए एसडीआरएफ के पास फंड की कमी हो जाएगी. महामारी के इस दौर में सरकार को पैसे की जरूरत है.

कोरोना के खिलाफ लड़ाई प्रभावित होगी

केंद्र सरकार ने कहा कि सरकारी संसाधनों की एक सीमा होती है. अगर इस तरह से 4-4 लाख मुआवजा दिया गया तो वर्ष 2021-22 के लिए राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के लिए आवंटित राशि 22184 करोड़ रुपए इस मद में ही खर्च हो जाएंगे. इससे महामारी के खिलाफ लड़ाई में उपयोग होने वाली राशि प्रभावित होगी. 4 लाख रुपए की मुआवजा राशि राज्य सरकारों की वित्तीय सामर्थ्य से परे है. पहले से ही राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के वित्त पर भारी दबाव है.

कोरोना के खिलाफ लड़ाई होगी प्रभावित

केंद्र ने कहा कि अगर राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) को कोरोना पीड़ितों को मुआवजा देने में खर्च किया जाता है तो इससे राज्यों की कोरोना के खिलाफ लड़ाई प्रभावित होगी और अन्य चिकित्सा आपूर्ति और आपदाओं की देखभाल के लिए पर्याप्त धन नहीं बचेगा. इसलिए कोरोना से करने वालों के परिवार को अनुग्रह राशि के भुगतान के लिए याचिकाकर्ता की प्रार्थना राज्य सरकारों की वित्तीय सामर्थ्य से परे है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस की वजह से महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक करीब चार लाख लोगों की मौत हो चुकी हैं.

इसने लगाई याचिका

सुप्रीम कोर्ट में वकील गौरव बंसल और रीपक कंसल ने याचिका लगाई थी. इसमें याचिकाओं ने कहा था कि कोविड -19 महामारी से मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत चार लाख रुपये का अनुग्रह राशि देने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सोमवार को सुनवाई करेगा.

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