रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर, बीजापुर और सुकमा जिले में विकास निर्माण कार्यों की सौगात दी है. CM बघेल ने वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान बस्तर पपीता प्रोजेक्ट को लॉन्च किया. बस्तर जिले के दरभा विकासखंड के तीरथगढ़, मामड़पाल और मुंगा में 30 एकड़ रकबे में पपीते की हाईटेक सामुदायिक खेती की जा रही है.

बस्तर पपीता प्रोजेक्ट से मिलेगी विकास को रफ्तार

जानकारी के मुताबिक इन तीनों स्थानों पर 10-10 एकड़ रकबे में उन्नत किस्म के 5500-5500 पपीते के पौधे रोपित किए गए हैं, जो अब फलने की स्थिति में आ गए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुराजी गांव योजना के बाड़ी घटक के तहत विकसित सामुदायिक बाड़ी की सफलता की सराहना की.  सीएम ने कहा कि बस्तर के किसानों को उनकी उद्यानिकी फसलों का बेहतर मूल्य मिले इसके लिए आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए.

पपीते की हाईटेक खेती से संवरेगी जिंदगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि पपीता, मिर्ची सहित अन्य उद्यानिकी फसलों की बस्तर अंचल में बहुतायत पैमाने पर खेती हो रही है. सीएम ने इसको देखते हुए कलेक्टर को कोल्ड चेन सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए. तीरथगढ़ में पपीते की सामुदायिक खेती महिला स्व-सहायता समूह द्वारा 10 एकड़ शासकीय भूमि में की जा रही है.

महिला समूह से जुड़ी हेमा कश्यप ने बताया कि उनके समूह में कुल 43 महिलाएं हैं. जिला प्रशासन और उद्यानिकी विभाग की मदद से उन्होंने आज से छह माह पूर्व पपीते के पौधे लगाए थे, जो आज फल देने की स्थिति में आ गए हैं. उन्होंने बताया कि आगामी सितम्बर महीने से पपीते के फलों की तोड़ाई और विक्रय शुरू हो जाएगा.

पपीते की सामुदायिक बाड़ी से डेढ़ साल में उनके समूह को लगभग एक करोड़ रूपए की आय होगी. मुख्यमंत्री ने तीरथगढ़ में पपीते की उन्नत खेती के संबंध में हेमा कश्यप और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली. तीरथगढ़ सामुदायिक बाड़ी में अमीना वेरायटी के पौधे लगाए गए हैं. पपीते के पौधों का डीएनए टेस्ट कर रोपण किया गया है. रोपित पौधे उभय लिंगी हैं.

हेमा कश्यप ने बताया कि एक एकड़ में 550 पौधे लगाए गए हैं, जिनके बीच की दूरी 8 बाई 10 फीट है. इसी पेटर्न पर ग्राम मामड़पाल एवं मुंगा में भी 10-10 एकड़ रकबे में पपीते की सामुदायिक खेती की गई है. तीनों सामुदायिक बाड़ियों में पपीते के फल की तोड़ाई एक साथ सितम्बर माह में शुरू होगी.

बस्तर किसान संघ के विमल चावड़ा ने बताया कि सामुदायिक बाड़ियों में पपीते के पौधों की सिंचाई के लिए ड्रिप एरिगेशन सिस्टम लगाए गए हैं. बकावंड ब्लॉक में भी 100 एकड़ रकबे में पपीते की सामुदायिक खेती किए जाने की तैयारी चल रही है.

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