लखनऊ. उत्तर प्रदेश में पहली बार लगभग सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों और किसानों को उनका अपना पंचायत भवन मिलने जा रहा है. 51914 ग्राम पंचायतों में से 33338 में पंचायत भवन बनकर तैयार हो चुके हैं. 18576 का निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है. ग्राम पंचायत चुनावों के बाद गांव के विकास को तेजी देने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार का प्रयास है कि किसानों की समस्याओं का जल्द से जल्द निस्तारण हो. उनको बुनियादी सुविधाएं मिलें, सड़क निर्माण, जल प्रबधंन, सिंचाई में आने वाली दिक्कतें दूर हों.

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायतों की व्यवस्था को मजबूत करने के लिये पंचायत भवनों के निर्माण पर जोर दिया है. इसके चलते आधे से अधिक ग्राम पंचायतों को उनका अपना पंचायत भवन मिलना संभव हो सका है. भवन में एक बैठक हॉल, दो कार्यालय कक्ष, कर्मी आवास, बरामदा व शौचायल का निर्माण कराया गया है. पंचायत भवनों में कार्यालय, ग्राम सभा के पदाधिकारियों की बैठकें, किसानों और ग्राम प्रधान के बीच संवाद आदि सहजता से हो सकेगा. किसानों को भी ग्राम प्रधान व सदस्यों तक अपनी बात पहुंचाना आसान हो जाएगा.

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पंचायत भवनों में जहां ग्राम पंचायत सदस्यों को बैठने के लिये स्थान मिलेगा वहीं कार्यालय का माहौल मिलने पर किसानों की समस्याओं का हल कर पाना पदाधिकारियों के लिए आसान हो जाएगा. ग्राम पंचायत स्तर पर बनीं नियोजन व विकास समिति, शिक्षा समिति, प्रशासनिक समिति, निर्माण कार्य समिति, स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति और जल प्रबंधन समिति के सदस्यों को गांव के विकास के लिए महत्वपूर्ण बैठकें करना और निर्णयों को साकार रूप देने में मदद मिलेगी. पिछली सरकारों में कभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों के निर्माण पर जोर नहीं दिया गया. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद उन्होंने बराबर किसानों के हित की योजनाओं को आगे बढ़ाया. गांव के विकास से लेकर किसानों को बीमारी से बचाने के लिये उनके प्रयासों की देश में ही नहीं दुनिया में भी तारीफ पाई.

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