रायपुर। छत्तीसगढ़ को गोबर राज्य कहे जाने वाले हाईकोर्ट की टिप्पणी पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज का ढाई साल में रिज़ल्ट दिखने लगा है. असफलता खुद आवाज़ देकर-देकर बता रही है. हाईकोर्ट की टिप्पणी आंख खोलने वाली है. सरकार कितना भी मैनेज कर ले, करोड़ों रुपए का एड देकर ढाई सालों की उपलब्धि गिना ले, लेकिन इस पर एक कमेंट ही काफ़ी है कि ‘गोबर’ कर दिया. जनता को समझ आ गया कि ढाई साल की उपलब्धि क्या है ?

हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ को कहा था राज्य गोबर 

दरअसल बिलासपुर हाईकोर्ट में राज्य सरकार की उस समय फजीहत हो गई थी, जब कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने तल्ख टिप्पणी कर डाली. उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ में कोई स्मार्ट सिटी नहीं है, पूरा राज्य गोबर राज्य है. जस्टिस मिश्रा ने यह कड़ी टिप्पणी एम.एम.पी. वाटर स्पोर्ट्स बनाम छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड की याचिका की सुनवाई करते हुए की थी. स्वामी विवेकानंद सरोवर बूढ़ा तालाब रायपुर में वाटर स्पोर्ट्स के दोबारा टेंडर करने को लेकर एमएमपी वाटर स्पोर्ट्स ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई है.

सरकार आदिवासियों को विश्वास में नहीं ले सकी

सिलगेर गोलीकांड मामले में भी सियासत तेज हो गई है. सारकेगुड़ा में 28 जून को कैंप के विरोध में बड़ा आंदोलन होने वाला है. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि सिलगेर पर सरकार आदिवासियों को विश्वास में नहीं ले सकी है. हमने भी कई कैम्प खोले, लेकिन ऐसा विरोध कहीं नहीं हुआ. आदिवासियों को विश्वास में लेना ज़रूरी है.

 सारकेगुड़ा एनकाउंटर में मारे गए थे 17 लोग

बता दें कि सिलगेर गोलीकांड़ के एक बार फिर ग्रामीण सारकेगुड़ा इलाके में एकत्रित हो गए हैं. सारकेगुड़ा में साल 2012 में 28 जून की रात सीआईपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त एनकाउंटर में 17 लोग मारे गए थे. यही कारण है कि इस दिन को बड़े आंदोलन के रूप में चुना गया है. इस बड़े आंदोलन में शामिल होने ग्रामीणों के जंगल के रास्ते निकलने की भी खबर है.

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