लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने धार्मिक स्थलों के विकास की योजना बनाई है, इस कड़ी में चित्रकूट को धार्मिक स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए यूपी बृज तीर्थ विकास परिषद की तर्ज पर चित्रकूट धाम विकास बोर्ड बनाया जाएगा. योगी आदित्यनाथ के  कैबिनेट ने इस फैसले पर मुहर लगाने के साथ 12 प्रस्तावों को पास किया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की लोकभवन में बैठक हुई. इसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा भी शामिल हुए. कैबिनेट बैठक में चित्रकूट धाम विकास बोर्ड के अलावा यूपी नगरपालिका, 2021 नियमावली के प्रख्यापन, जेवर एयरपोर्ट को लेकर 2 प्रस्ताव पास किए गए. इसके अलावा कोविड में 102 एम्बुलेंस से जुड़ा प्रस्ताव, पीजीआई को लेकर लाए गए 2 प्रस्ताव पास किए गए.

कैबिनेट में RMLIMS के नए भवन को लेकर प्रस्ताव, 30 करोड़ पौधरोपण के लिए प्रस्ताव पास हुआ, इसमें सभी विभागों को पौधे नि:शुल्क देने का प्रस्ताव पारित किया गया. इसके अलावा यूपी लघु उद्योग निगम को लेकर प्रस्ताव, 7वें वेतन आयोग लाभ देने का प्रस्ताव, 6600 नलकूपों के आधुनिकीकरण का प्रस्ताव, बेसिक शिक्षा विभाग के संबंध में प्रस्ताव और मृतक आश्रित की नियुक्ति को लेकर प्रस्ताव पास किया गया.

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रदेश के 31 हजार से अधिक एमएसएमई इकाइयों को ढाई हजार करोड़ रुपए से अधिक का लोन वितरित करने का ऐलान किया था, इसके अलावा उन्होंने 9 जिलों में 73.54 करोड़ की लागत से सामान्य सुविधा केंद्रों परियोजना की शुरुआत भी की. इस दौरान सीएम योगी ने ‘स्वरोजगार संगम कार्यक्रम’ की शुरुआत की थी.

मुख्यमंत्री का पूरा फोकस कोरोना और लॉकडाउन की वजह से ठप हो चुके कारोबार और व्यापार को फिर से बढ़ाने पर है. एक महीने में 75 लोन मेला लगाए जाएंगे. सीएम योगी ने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि यूपी में 75 जनपद हैं, तो कम से कम 75 लोन मेला अगले एक महीने में आयोजित हो जाए. इसके जरिए लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाए.

वहीं प्रदेश सरकार ने गुरुवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के तहत संचालित मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के क्रियान्वयन के लिए 50 करोड़ रुपये की धनराशि की मंजूरी दे दी थी. इस योजना के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष 2021-22 में 100 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत उद्योग स्थापना के लिए 25 लाख रुपए और सेवा क्षेत्र के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन बैंकों के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा.