नई दिल्ली. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बच्चों को वैक्सीनेशन पर कहा कि इस वक्त दुनिया में सिर्फ एक ही देश है, जहां पर बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रहा है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि क्या बहुत छोटे बच्चों को वैक्सीन लगाने की जरूरत पड़ेगी यह एक सवाल बना हुआ है. ICMR के डीजी बलराम भार्गव ने कहा- जब तक हमारे पास बच्चों के वैक्सीनेशन पर अधिक डेटा नहीं होगा, हम बड़े पैमाने पर बच्चों का वैक्सीनेशन करने की स्थिति में नहीं होंगे.

ICMR चीफ ने दी जानकारी

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह दिशानिर्देश दिया है कि वे (कोविड के टीके) गर्भवती महिलाओं को लगा सकते हैं. हमने अपने ICMR प्रैगकोविड रजिस्ट्री से यह भी प्रदर्शित किया है कि टीकाकरण गर्भवती महिलाओं के लिए उपयोगी है और यह दिया जाना चाहिए.’

दरअसल, ICMR प्रमुख से बच्चों और महिलाओं के टीकाकरण पर एक सवाल किया गया था. भार्गव ने कहा कि पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध होने तक बच्चों को कोविड-19 की खुराक दिया जाना अब भी चर्चा का विषय है. उन्होंने कहा कि विश्व में अमेरिका ही एकमात्र देश है जो इस वक्त बच्चों को यह टीका लगा रहा है. उन्होंने कहा कि क्या बहुत छोटे बच्चों को भी टीके की जरूरत है, यह अब भी एक सवाल है.

भार्गव ने कहा, ‘बच्चों को टीकाकरण पर जब तक हमारे पास पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं होंगे, हम बच्चों का टीकाकरण करने की स्थिति में नहीं होंगे. हालांकि, हमने 2-18 वर्ष की आयु के बच्चों पर एक अध्ययन शुरू कर दिया है. हमारे पास सितंबर-अक्टूबर तक इस बारे में नतीजें होंगे, तब हम कोई फैसला कर सकेंगे.’

उन्होंने कहा कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय अध्ययन एवं विशेषज्ञ बच्चों को कोविड का टीका लगाये जाने की जरूरत पर अब भी बहस कर रहे हैं. भार्गव ने कहा, ‘बच्चों का टीकाकरण किये जाने पर अमेरिका में हमने कुछ समस्याएं देखी हैं.

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