रायपुर. प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी और संचार विभाग के सदस्य आरपी सिंह ने बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने के वादे को पूरा न कर किसान विरोधी कार्य कर रही है. जिससे छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्याय हो रहा है.

शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से धान और चावल का उठाव नहीं हो पा रहा है. बीजेपी की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ का चावल लेने से इंकार किया. भाजपा ने कहा था कि 40 लाख टन चावल लेंगे, उसको घटाकर 24 लाख टन कर दिया. केंद्र सरकार की हठधर्मिता के कारण छत्तीसगढ़ के किसानों का बुरा हाल है. यहां भाजपा के नेता बड़ी-बड़ी बातें करते हैं. जिनके कार्यकाल में 36 हजार करोड़ का नान घोटाला हुआ. उन्हें श्रम आनी चाहिए. उन्हें पश्यताप करना चाहिए.

आरपी सिंह ने कहा है कि भाजपा के नेता धान भीगने में के मामले में घड़ियाली आंसू बहाने के बजाए मोदी सरकार से वादानुसार 60 लाख मीट्रिक टन चांवल लेने की अनुमति दिलाए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार देश की पहली सरकार है जो अपने किसानों को धान का 2500 रुपए प्रति क्विंटल दे रही है. छत्तीसगढ़ में धान का बंपर पैदावार हो रही है. किसानों में धान उत्पादन करने उत्साह है. बीते दो साल में धान पैदा करने वाले किसानों की संख्या में 4 लाख की वृद्धि हुई है. मोदी सरकार के वादाखिलाफी के चलते छत्तीसगढ़ के धान खरीदी केन्द्रों में धान का उठाव नहीं हो पाया है. बीते 15 साल के भाजपा शासनकाल में मंडीयों में किसानों के धान भींगते रहे व धान भीगने का नुकसान किसानों को होता रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के दौरान किसानों को धान बेचने या धान भीगने से होने वाले नुकसान से राहत मिला है.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आरपी सिंह ने कहा है कि डॉ. रमन सिंह और भाजपा अपना कार्यकाल याद करे जब पूरे प्रदेश में किसानों के धान भींगते रहे और किसानों को नुकसान होता रहा. रमन शासनकाल में किसानों को धान बेचने के आंदोलन करने पड़ते थे. 7 लाख 28 हजार मैट्रिक टन धान का उठाव नहीं हुआ था. जब किसानों ने अपने अन्न के लिए आंदोलन की चेतावनी दी तो क्रूर रमन सरकार ने उन्हें अलोकतांत्रिक तरीके से दबाने की कोशिश की. स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के गृह जिले राजनांदगांव में कोरोड़ों का धान सड़ गया, लेकिन भाजपा वाले सत्ता के नशे में मदमस्त थे. प्रदेश के बिलासपुर जिले के संग्रहण केंद्र में 2012-2013 से वर्ष 2014-2015 तक 4 लाख 50 हजार क्विंटल धान संग्रहण केंद्र में रखे सड़ गया. रमन राज में अरबों का धान खुले आकाश के निचे सड़ने को छोड़ दिया गया, किसानों के साथ वादाखिलाफी की जाती थी, अचानक सबकुछ भूल कैसे गए हमारी भाजपा के साथीगण.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आरपी सिंह ने कहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में 36,000 करोड़ रुपए का घोटाला करने वाली भाजपा सरकार आखिर कब से किसान हितैषी हो गई? 2015 में जब यह छापेमारी की कार्रवाई हुई, तो डायरी में ‘सीएम मैडम’ का जिक्र था. भाजपा और रमन सिंह बताए कि अगर किसानों के अन्न कि इतनी चिंता है तो नान घोटाला को अंजाम क्यों दिया गया? क्यों गरीब के हिस्से का कोरोड़ों का अन्न दबा गए डॉ रमन? केंद्र की गलत नीतियों के कारण प्रदेश के किसानों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. एफसीएल के गोदामों को प्रदेश की जरुरत के अनुसार उपलब्ध नहीं कराया जाता है.

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प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आरपी सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में बीते 2 सालों में धान खरीदी की मात्रा और खेती-किसानी और किसानों की संख्या में लगातार रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी कृषि प्रधान राज्य छत्तीसगढ़ के लिए एक शुभ संकेत है. इस साल भी प्रदेश के 20 लाख 53 हजार 483 किसानों से हमने 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की है. आज जब छत्तीसगढ़ की जनता ने कुर्सी उतार दिया है इन्हें किसान की याद आ रही है. भाजपा अपने सरकार की वह करनी याद है या नही जब साल 2012 में रायगढ़ के कनकबीरा धान खरीदी केंद्र में धान की जगह 40 प्रतिशत भूसा मिला था. जांच में खरीदी गई धान उड़ीसा की बताई गई थी. आज जब छत्तीसगढ़ के किसानों का धान 25 सौ रु में खरीदा जा रहा है. आपके पेट में दर्द होने लगा है.