शब्बीर-राकेश, भोपाल। मध्य प्रदेश की जनता को सरकार ने बड़ी राहत दी है. प्रदेश में बिजली दरों में सिर्फ 0.63 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई. जबकि बिजली कंपनियों की तरफ से 6.23 फीसदी की बढ़ोत्तरी की मांग की जा रही थी. नियामक आयोग ने बिजली की नई दरें घोषित कर दी है.

बता दें कि प्रदेश में नई दरों में उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी गई है. अब एक रुपए बढ़ने की बजाय 0.20 फीसदी कम बिजली का बिल आएगा. सितंबर तक के लिए तय एफपीए से भी उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. नियामक आयोग ने 0.20 फीसदी एफपीए तय कर दिया है. ई-रिक्शा प्रोत्साहन के लिए चार्जिंग स्टेशनों की दरें 120 प्रति केवीए से घटाकर 100 प्रति केवीए किया गया.
औसत बिलिंग के बजाय वास्तविक रीडिंग पर ही बिजली कंपनियां बिल जारी कर सकेंगी.

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गौरतलब है कि प्रदेश में बिजली कंपनियां बिजली की दरें बढ़ाने की काफी दिनों से मांग कर ही थी. बिजली कंपनियां 6.23 फीसदी दरें बढ़ाने की मांग कर रही थीं. वहीं हाल ही में जबलपुर हाईकोर्ट ने साल 2021-22 में बिजली की दर तय करने पर लगी रोक हटा दी थी. साथ ही हाईकोर्ट ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया है जिस पर सुनवाई के बाद बिजली की दरें तय करने पर रोक लगाई गई थी. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद विद्युत नियामक आयोग साल 2021-22 की टैरिफ याचिका पर फैसला सुनाने के लिए स्वतंत्र हो गया था.

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घरेलू उपभोक्ताओं के लिए नई दरें