गाजियाबाद. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान गाजीपुर बॉर्डर पर कई महीनों से धरने पर बैठे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम पीछे नहीं हटने वाले हैं. पीछे हटना हमारी डिक्शनरी में नहीं है. जिस तरह फौजें मोर्चे पर होती हैं तो गोली खाती हैं, उसी तरह हम भी मोर्चे पर हैं और लड़ रहे हैं. आंदोलन को आम जनता की भावनाएं आगे बढ़ा रही हैं. यह एक वैचारिक क्रांति है. जहां वैचारिक क्रांति आई है उसने परिवर्तन किए हैं. विचार से बड़ा कोई हथियार नहीं है.

राकेश टिकैत ने कहा कि इस समय देश पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है. इनको देश की जनता, व्यापारी, किसान और मजदूरों से कोई लेना देना नहीं है. हैरानी की बात है कि किसान देश की राजधानी को घेर कर बैठे हैं और सरकार बात ही नहीं कर रही है. किसान भी पीछे नहीं हटेगा.

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बता दें कि गाजीपुर बार्डर पर बुधवार को भाजपा कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच भिड़ंत हाे गई थी. इसके बाद राकेश टिकैत का गुस्‍सा भड़क गया. उन्‍होंने चेतावनी देने के लहजे में कहा था कि यहां कोई मंच पर कब्जा करने की कोशिश करेगा तो बक्कल उधेड़ देंगे. ये लोग फिर प्रदेश में कहीं नजर नहीं आएंगे. टिकैत बोले कि वे यहां आकर अपने किसी नेता का स्‍वागत करना चाह रहे थे. यह कैसे हो सकता है. यह मंच किसानों का है. किसान संयुक्‍त मोर्चे के बैनर तले एकजुट हैं. यदि किसी को यहां आना है तो भाजपा छोड़कर आ जाए. मोर्चे में शामिल हो जाए.

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