रायपुर- विधानसभा अध्यक्ष की सख्ती का असर हुआ और चैतुरगढ़ नल जल योजना में गड़बड़ी के जिम्मेदार अधिकारियों पर निलंबन की गाज गिर गई. राज्य शासन ने इस मामले में तत्कालीन कार्यपालन अभियंता एम के मिश्रा और तत्कालीन प्रभारी सहायक अभियंता ए एल शेख को निलंबित कर दिया है. आरोप है कि दोषी अधिकारियों ने निजी कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाते हुए आर्थिक अनियमितता की है.
विधानसभा में आज बसपा विधायक केशव चंद्रा ने इस मामले को उठाया था, जिसके बाद गृहमंत्री के जवाब से असंतुष्ट स्पीकर गौरीशंकर अग्रवाल ने उन्हें जमकर फटकार लगाई थी. स्पीकर ने गृहमंत्री को फटकार लगाते हुए कहा था कि मंत्री को अपनी जवाबदेही से नहीं बचना चाहिए. उन्होंने गृहमंत्री को निर्देश दिया था कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज कराया जाए.
स्पीकर ने मंत्री से यह तक कह दिया था कि चार साल के दौरान पहली बार किसी मंत्री को वे निर्देशित कर रहे हैं, बावजूद इसके मंत्री जवाब देने के बजाए बार-बार घुमाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि ऐसे में सदन चलाना कठिन हो जाएगा.