कुमार इंदर, जबलपुर। नर्स एसोसिएशन की हड़ताल को लेकर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सरकार ने हाईकोर्ट के सामने अपना जवाब पेश किया। सरकार ने न्यायालय को जानकारी दी कि प्रदेश भऱ में 30 से 50 प्रतिशत नर्सें ही हड़ताल पर हैं, बाकी काम पर लौट आई हैं। सरकार के जवाब के बाद कोर्ट ने नर्स एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा परमार को भी नोटिस जारी किया है। मामले में अब अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी।
सरकार द्वारा कोर्ट में दिये गए बयान से नर्स एसोसिएशन ने असंतुष्टी जाहिर की है। नर्स एसोसिएशन अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 30 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। आपको बता दें नर्स एसोसिएशन की हड़ताल के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कोरोना संकट के वक्त नर्सों के हड़ताल पर जाने को गलत बताया गया है।
ये है मांगें
- स्टाफ नर्स की जगह उन्हें नर्सिंग ऑफिसर का पद व नाम मिले
- वेतनवृद्धि हो- मध्य प्रदेश में भी अन्य राज्यों की तरह सेकंड ग्रेड वेतन दिया जाए
- पुरानी पेंशन योजना लागू हो
- कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति मिले
- 15 अगस्त को उन्हें ‘राष्ट्रीय कोरोना योद्धा’ के रूप में सम्मानित किया जाए
- कोरोना काल में बनीं योजनाओं को लागू किया जाए
- अगली दो वेतनवृद्धि को वेतन में जोड़ा जाए
- प्रमोशन शुरू किए जाएं
- नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं को कलेक्टर रेट पर अस्पतालों में रखा जाए
- 2018 भर्ती नियमों मे संशोधन हो, 70, 80 और 90 प्रतिशत का नियम हटे. प्रतिनियुक्त समाप्त कर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू हो
- सरकारी और मेडिकल कॉलेज में काम करने वालीं नर्सों को उच्च शिक्षा के लिए आयु सीमा हटाई जाए
- कोरोना काल में अस्थाई भर्ती नर्सिंग स्टाफ को परमानेंट किया जाए
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