रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से यूरिया खाद को लेकर सियासी संग्राम शुरू हो गया है. छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह ने भूपेश सरकार को जमकर घेरा है. उन्होंने कहा कि सरकार खाद की कमी दिखाने का प्रयास कर रही है. सरकार खाद का सही वितरण नहीं कर रही है. नकली खाद बेचने वाले माफिया सक्रिय हैं. रमन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जमाखोरी, कालाबाजारी और माफिया सक्रिय है. सरकार जानबूझ कर खाद की कमी दिखा रही है. इसके साथ ही रमन ने सरकार से कई अनगिनत सवाल भी पूछे हैं.

रमन सिंह यूरिया खाद मामले में सरकार को घेरा

रमन सिंह ने कहा कि भूपेश सरकार जानबूझ कर खाद की कमी दिखाने का प्रयास कर रही है. सरकार खाद का सही वितरण नहीं कर रही है. नकली खाद बेचने वाले माफिया सक्रिय है. इनको प्रश्रय कौन दे रहा है ये सरकार को बताना चाहिए. रमन सिंह ने आरोप लगाया कि किसानों को वर्मी खाद खरीदने के लिए दबाव डाला जा रहा है. ये शर्म की बात है. 2 रुपये में गोबर लेकर 10 रुपये में खरीदने को मजबूर किया जा रहा है.

जमाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही सरकार

  • रमन सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार की डेटा को आप देखेंगे तो समझ आ जाएंगे कि आखिर कैसे यह सरकार खाद की जमाखोरी कर कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है.
  • केन्द्र सरकार के डेटा में साफ है कि राज्य में 2 जुलाई 2021 तक यूरिया का क्लोजिंग स्टॉक 1.69 लाख मीट्रिक टन डीएपी का क्लोजिंग स्टॉक 0.76 लाख लाख मीट्रिक टन है.
  • एमओपी का क्लोजिंग स्टॉक 0.46 लाख मीट्रिक टन है और एनपीकेएस क्लोजिंग स्टॉक 0.57 लाख मीट्रिक टन है. 
  • अब यहां सवाल यह उठता है कि जब क्लोजिंग स्टॉक में खाद है तो फिर उसकी कमी क्यों बताई जा रही है ?
  • राज्य सरकार की अव्यवस्थाओं के कारण पर्याप्त खाद होने के बाद भी किसानों को नहीं मिल रहा है.
  • यह तो राज्य का फेल्योर है, इसमें केन्द्र कैसे जिम्मेदार हो गया.
  • सरकार कहीं सरकारी खाद को दबा कर प्राइवेट समितियों से सेटिंग कर उन्हें मोटे कमीशन के लिए मुनाफाखोरी के मौके तो नहीं दे रही है.

रमन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने सिर्फ किसानों के हित में सभी राज्यों को खरीफ सीजन 2021 के लिए उनकी मांग के अनुरूप बिना भेदभाव किए पर्याप्त मात्रा में यूरिया, डीएपी और अन्य पी एंड उर्वरक भेजे हैं, लेकिन दुर्भावना बस राज्य की भूपेश बघेल सरकार अपनी नाकामियां छुपाने के लिए केन्द्र सरकार पर मिथ्या आरोप लगा रही है. केन्द्र ने न केवल राज्यों की मांग के अनुरूप खाद की आपूर्ति की है, अपित किसानों को खाद उचित मूल्य पर खाद मिले इसके लिए उस पर सब्सिडी भी बढ़ाई है.

रमन सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों की परेशानी कम करने उर्वरकों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में 60 से 70 प्रतिशत की भारी उछाल आने से जब उनकी घरेलू कीमतों पर दबाव पड़ रहा था. उर्वरक कंपनियों द्वारा डीएपी अप्रैल महीने में 1900 रुपये प्रति बोरी की बढ़ी हुई एमआरपी पर बेचे जाने की खबरें थीं. तब केन्द्र सरकार ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए डीएपी पर सब्सिडी बढ़ाकर किसानों को सस्ता खाद उपलब्ध कराया.  डीएपी के लिए सब्सिडी दर 511 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1211 रुपये प्रति बोरी कर दी. प्रति बोरी 700 रुपये की वृद्धि की गई है.

रमन ने सरकार से पूछे सवाल

  • खाद की कमी से किसान जो जूझ रहे हैं उसका कारण भी भूपेश सरकार की कुनीतियां और कुप्रबंध है
  •  जब 15 करोड़ किलो कम्पोस्ट खाद राज्य सरकार ने तैयार की है तो फिर केंद्र सरकार से पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 30 प्रतिशत अतिरिक्त रासायनिक खाद क्यों मांगी गई है?
  • जब हर साल 10 से 12 लाख मैट्रिक टन खाद की आवश्यकता पड़ती थी, फिर बिना रकबा बढ़ाए आखिर 15 लाख मैट्रिक टन खाद की आवश्यकता प्रदेश को क्यों पढ़ गई, जो सीएम पीएम को पत्र लिख रहे हैं?
  • खाद का किसानों को पर्याप्त वितरण किये बिना सहकारी समितियों में खाद कैसे खत्म हो गया?
  • खाद का सही वितरण न करने वालों पर सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही 
  • आखिर खाद की कमी बताकर नकली खाद बेचने वाले माफिया किसके संरक्षण में फलफूल रहे हैं?

रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस की अव्यवस्थाओं के कारण प्रदेश में खाद की किल्लत हुई, तो सरकार ने व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की जगह, भूपेश सरकार के मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केन्द्र सरकार कोसन और झूठ आरोप मढ़ने आ गए. खाद की किल्लत को लेकर केन्द्र सरकार पर आरोप लगाकर भूपेश सरकार किसानों को गुमराह कर रही है. झूठ बोलकर अपनी गलती केन्द्र पर मढ़ना चाहती है, जबकि हकीकत तो यह है कि केन्द्र सरकार ने अन्य राज्यों की तरह जितनी खाद की मांग की गई थी. उतना खाद छत्तीसगढ़ को भी भेजा है, लेकिन राज्य सरकार ने खाद के वितरण में भी गड़बड़ी और घोटाला किया. उसके कारण आज किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

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