रायपुर। त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया है. झारखंड के नवनियुक्त राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि मैं पार्टी पॉलिटिक्स कभी नहीं करता. मैं हमेशा विकास की बातें करता हूं. अब जब मुझे झारखंड की जिम्मेदारी दी गई है, तो मेरी कोशिश राज्य सरकार के साथ मिलकर विकास की दिशा में कदम बढ़ाने की होगी. उन्होंने कहा कि राज्यपाल से राज्य सरकारों का सियासी टकराव नहीं होता. अगर सही मन से काम करेंगे, तो टकराव की स्थिति नहीं आती. मैं अपने कामों से वहां की सरकार का दिल जीत लूंगा. त्रिपुरा में राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाल रहे रमेश बैस ने झारखंड की जिम्मेदारी मिलने के बाद लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में यह बातें कहीं है.

मैंने कभी नहीं सोचा था संवैधानिक पद पर जाउंगा

राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं संवैधानिक पद पर जाउंगा. केंद्र ने मुझ पर विश्वास किया. त्रिपुरा में जिम्मेदारी संभालते हुए मैंने हमेशा बैलेंस बनाकर चलने की कोशिश की. मैं हमेशा एक्टिव रहा. कोरोना संकट के बीच लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात को काबू में किए जाने की कवायद जारी रखी. वैक्सीनेशन को लेकर त्रिपुरा देश में बेहतर परफार्म करने वाले राज्यों में शुमार रहा.

त्रिपुरा जैसा प्रयास झारखंड में भी

उन्होंने कहा कि साल में एक बार राष्ट्रपति की गर्वनर्स मीटिंग में मैंने कई प्रस्ताव दिए थे, जिन पर काम हुए. कोलकाता से अगरतला प्रोटोकाल रूट का प्रस्ताव मैंने दिया था, जो अब शुरू हो चुका है. अगरतला से बांग्लादेश होते हुए कोलकाता ट्रेन रूट पर काम चल रहा है. कोलकाता से अगरतला क्रुज चलाने का भी मैंने प्रस्ताव दिया था, जिस पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इसे हम शुरू करते हैं. अब यही प्रयास झारखंड के विकास के लिए भी किया जाएगा.

प्रयास करेंगे किसी तरह की टकराव की स्थिति न बने

रमेश बैस ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री के साथ चर्चा कर मैं विकास की रणनीति पर काम करूंगा. हम मिलकर यह प्रयास करेंगे कि किसी तरह की टकराव की स्थिति न बने. जरूरत पड़ने पर केंद्र से भी राज्य के विकास के लिए पहल किया जाएगा.

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