रायपुर। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने छग पुलिस की संदिग्ध कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जब डीजीपी खुद भरी बैठक में स्वीकार कर रहे हैं कि हर जिले में जुआ-सट्टा खुलेआम चल रहा है. एसपी कार्रवाई नहीं कर पा रहे है. इससे ज्यादा दुर्भाग्यजनक राज्य सरकार के लिए कुछ भी नहीं हो सकता है.

डीजीपी की वायरल वीडियो में खुली कानून-व्यवस्था की पोल

राजेश मूणत ने कहा कि मंगलवार को सोशल मीडिया में डीजीपी डीएम अवस्थी का एक वीडियो आईजी-एसपी कांफ्रेस का वायरल हुआ है. जिसमें डीजीपी कहते सुनाई पड़ रहे है कि तंबू लगाकर जुआ सट्टा चल रहा है. उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को फटकारते हुए कहा कि कार्रवाई करने से किसने रोका है ? मूणत ने कहा कि डीजीपी का इतना कहना राज्य की कानून व्यवस्था की पोल खोल रहा है. कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पुलिस मूल काम को छोड़कर राजनीतिक मोहरे की तरह बर्ताव कर रही है, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है.

प्रदेश में अपराधिक घटनाओं में हुई वृध्दि

उन्होंने कहा कि राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. ढाई सालों में अवैध शराब, जुआ, सट्टा, हत्या, चोरी, बलात्कार, डकैती और मर्डर के अलावा रंगदारी की घटनाओं में खासा वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि शान्ति का टापू कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ अब अपराधगढ़ के रूप में तब्दील हो चुका है. सबसे ज्यादा प्रभावित जिला दुर्ग है. जिसका प्रतिनिधित्व मुख्यमंत्री और गृहमंत्री करते है. राज्य पुलिस के साथ-साथ सरकार के लिए यह शर्मनाक स्थिति है.

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पुलिस सिस्टम पर उठ रहे सवाल

मूणत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता भय के माहौल में जीने को मजबूर है. किसी की भी जमीन पर कब्जा करना तो आम बात हो गई है. ऐसे लोगों को भी छग पुलिस का संरक्षण प्राप्त है. साथ ही भाजपा नेताओं के खिलाफ दुर्भावनावश की जा रही कार्रवाई को पुलिस का संरक्षण मिलना पूरे पुलिस सिस्टम पर सवाल उठाता है.

आईपीएस अफसरों के मतभेद से रुका विकास 

राजेश मूणत ने कहा कि पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली का एक नमूना यह है कि आला अफसर भी एक ही छत के नीचे बैठकर बात तक नहीं करते है. मुख्यमंत्री को आईपीएस अफसरों को फटकार लगानी पड़ रही है. इतना ही नहीं आईपीएस अफसरों की इसी मतभेद के चलते विकास के काम रूके हुए है. जिसे लेकर प्रदेश की जनता में कई सवाल है. उन्होंने इन परिस्थियों को काफी दुर्भाग्यजनक बताया है.

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