रायपुर। एसीबी के पूर्व चीफ और निलंबित आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस को सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचने के दस्तावेज मिले हैं. इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का बयान सामने आया है. धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस सरकार को मिले दस्तावेज सार्वजनिक करना चाहिए.

सरकार दस्तावेज करे सार्वजनिक

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि यदि ऐसा है, तो ये गम्भीर मामला है. छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कि छापे में कौन से दस्तावेज मिले है. जिनके आधार पर जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज किया गया है. कौशिक ने कहा कि कांग्रेस सरकार को दस्तावेज सार्वजनिक करना चाहिए. दस्तावेज को जनता को दिखाना चाहिए.

बंगले और करीबियों से मिले कई दस्तावेज

सूत्रों के मुताबिक एंटी करप्शन ब्यूरो के छापे के दौरान एडीजी के सरकारी बंगले और उनके करीबियों के यहां से कुछ डोजियर, टूलकिट दस्तावेज और पेन ड्राइव मिले थे. जिसकी जांच में पुलिस ने सरकार के खिलाफ षड्यंत्र मानते हुए कोतवाली पुलिस ने जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया है. जीपी सिंह के सरकारी बंगले और सहयोगियों के ठिकानों में छापेमारी के दौरान जो दस्तावेज मिले हैं, उसमें ऐसी बातें सामने आई हैं, जो सरकार के खिलाफ साजिश रचने की ओर इशारा कर रही है.

छग में राजद्रोह का पहला मामला

छत्तीसगढ़ में भारतीय सेवा यानी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के किसी अधिकारी के खिलाफ राजद्रोह का यह पहला मामला दर्ज हुआ है. इससे पहले भारतीय सेवा के किसी अधिकारी पर यह केस दर्ज नहीं किया गया है. इससे पहले 5 जुलाई को ACB के रिपोर्ट सौंपते ही सरकार ने आईपीएस अफसर जीपी सिंह को निलंबित कर दिया था.

क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि एक जुलाई (गुरुवार) सुबह 6 बजे ACB और EOW की जांच टीम जीपी सिंह के सरकारी बंगले में दाखिल हुई थी. करीब 75 घंटे की छापेमार कार्रवाई में करोड़ों रुपये बरामद किए गए. ACB की टीम ने जीपी सिंह पर धारा 13 (1)बी, 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम यथा संशोधित 2018 के तहत केस पंजीबद्ध किया था. इसके बाद जीपी सिंह के काली कमाई का परत दर परत खुलासा होते गया. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम उन खातों की लिस्टिंग, पैसा कहां से आया किसने दिया, इन पहलुओं की जांच की. अब ये सारे दस्तावेज करोड़ों रुपये के काली कमाई की सबूत दे रहे हैं.

छापेमारी में क्या मिला ?

पहले दिन की कार्रवाई में ACB को जीपी सिंह के घर से बेशुमार दौलत के दस्तावेज मिले थे. 75 से अधिक बीमा पॉलिसी, बैंकों में जमा 1 करोड़ रुपए की गिनती, कई मकानों, जमीनों में निवेश के कागज भी मिले हैं. एसीपी को जीपी सिंह के घर से बैंकों में बेहिसाब खातों के पासबुक मिले हैं. इतना ही नहीं GP सिंह के घर से डेढ़ करोड रुपये के म्यूच्यूअल फंड और शेयर के इन्वेस्टमेंट के दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. ACB के मुताबिक फंड्स और शेयर के दस्तावेज में रकम कई करोड़ रुपए तक पहुंचने की जानकारी है. ओडिशा में संपत्ति, कंस्ट्रक्शन के काम में इस्तेमाल होने वाले आधा दर्जन वाहन, कई बैंक अकाउंट्स, 75 से अधिक बीमा पॉलिसी के सबूत मिले थे. इसके बाद गुरुवार शाम को जीपी सिंह पर FIR दर्ज की गई.

5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा 

ACB को दूसरे दिन की कार्रवाई में वाहनों के कागजात भी मिल हैं. इसमें कंस्ट्रक्शन से जुड़े वाहन, मिक्सर मशीन, ट्रक और अन्य मशीन शामिल हैं. ACB की टीम संपत्ति, वाहनों, बैंक खाता, बीमा पॉलिसियों की तादाद देखकर हैरान है. कई बीमा पॉलिसी जीपी सिंह, उनकी पत्नी और उनके बेटे के नाम पर मिली है. इसकी संख्या बढ़ सकती है. इन पॉलिसी के प्रीमियम के रूप में ही लाखों रुपए सालाना बीमा कंपनियों को दिए जाते हैं. टीम बीमा कंपनियों से प्रिमियम का हिसाब-किताब ले रही है. दिनभर के जांच के बाद लगभग 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था.

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