सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। कोरोना काल में काफी समय बाद राजधानी रायपुर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में पहली बार ऐसा हुआ जब पक्षकारों तक पहुंचने के लिए कोर्ट के द्वारा स्टॉफ भी भेजे गए थे. बहुत से मामलों में व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग के माध्यम से भी पक्षकारों की उपस्थिति दर्ज की गई.

जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव उमेश उपाध्याय ने कहा कि नेशनल लोक अदालत के माध्यम से हमारी कोशिश है कि लोगों को परेशानी से हम थोड़ी राहत दिला सके. किसी भी व्यक्ति का कानूनी मामला खत्म होता है तो उसके लिए राहत की बात होती है. राजीनामा के माध्यम से बहुत सारे मामलों का निराकरण होगा. काफी लोग ऐसे है जो कोर्ट आने में असमर्थ है. ऐसे व्यक्तियों तक पैरा लीगल वालंटियर के जरिए या फिर अपने स्टाफ के जरिए पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. जिसकी वजह से कुछ लोग घर बैठे भी राजीनामा करा सकते हैं.

बहुत सारे मामलों में व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग के माध्यम से भी पक्षकारों की उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है. 5000 मामले न्यायालय के लंबित मामले सुनवाई के लिए रखे गए है. साथ ही 2,000 से अधिक फ्री लिटिगेशन मामलों की भी सुनवाई की जाएगी.

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