शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में स्कूलों को खोलने को लेकर संचालक, सरकार और अभिभावक में टकराव शुरु हो गया है। बड़े स्कूल संचालक स्कूलों को खोलने की जिद पर अड़े हैं। संचालकों ने चेतावनी दी है कि स्कूल नहीं खुले तो 14 जुलाई से ऑनलाइन क्लास बंद कर देंगे। छोटे स्कूलों के संचालक 13 जुलाई को डीईओ कार्यालय में स्कूलों की चाबियां सौंप देंगे। वहीं सरकार ने भी दो टूक कह दिया है कि जब तक तीसरी लहर की आशंका है तब तक स्कूल नहीं खुलेंगे। कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता है।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि या तो स्कूल खोलने दिया जाए या फिर उन्हें राहत पैकेज दिया जाए। स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि 40 फ़ीसदी बच्चों ने ट्यूशन फीस भी नहीं दी है। सरकार सभी बच्चों से ट्यूशन फीस भी दिला देगी तो हम स्कूल चलाने को तैयार हैं। पिछले डेढ़ साल से स्कूल बंद है बस से लेकर बिल्डिंग तक की ईएमआई देनी पड़ रही है। स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि मामले का 12 जुलाई तक सरकार हल निकाले नहीं तो हम ऑनलाइन क्लासेस भी बंद कर देंगे।

इसे भी पढ़ें ः BIG BREAKING : फर्जी दस्तावेज से हासिल किया IAS अवार्ड, नगरीय प्रशासन विभाग का अपर आयुक्त गिरफ्तार

इधर स्कूल संचालकों और सरकार के बीच चल रही लड़ाई में अभिभावक भी मैदान में उतर गए हैं। अभिभावकों ने भी कह दिया है कि कोरोनकाल में बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। अगर बच्चा बीमार पड़ेगा तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। पहले जिम्मेदारी तय हो फिर स्कूल खोलने पर सरकार विचार करे। अभिभावकों का कहना है कि तीसरी लहर का असर बच्चों पर पड़ने की बात कही जा रही है इसलिए हमें स्कूल खुलने से डर रहे हैं। स्कूल खुलने के पहले गाइडलाइन बनाइ जाए अगर हम अभिभावक संतुष्ट होंगे तभी स्कूल खोलें।इसके साथ ही अभिभावकों ने सरकार से मांग की है कि जिन स्कूलों ने फीस बढ़ा दी है उनसे फीस की राशि को कम करवाया जाए।

इसे भी पढ़ें ः इंडस्ट्रियल पार्क : दिग्विजय के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रदर्शन, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प, पूर्व मंत्री की पुलिस को दो टूक- आज के बाद कल भी आता है

देखिये वीडियो: