लखनऊ. कोरोना प्रबंधन में उत्तर प्रदेश मॉडल ने कीर्तिमान हासिल किया है. यूपी आबादी के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद कुल सक्रिय मामलों में देश में 21 वें नंबर पर है. दूसरे राज्यों और कई देशों में रोज यूपी से कई गुना ज्यादा नए केस आ रहे हैं.

पिछले 24 घंटे में केरल में 14,087, महाराष्ट्र में 8,296, तमिलनाडु में 2913, आंध्र प्रदेश में 2925 और असम में 2391 नए केस मिले. उत्तर प्रदेश में केस न्यूनतम होने के बावजूद जांच बढ़ रही और सर्वाधिक टीकाकरण किया जा रहा है. कासगंज और अलीगढ़ और श्रावस्ती कोरोना मुक्त हो गए है. वहीं 29 जिलों में नया संक्रमित मरीज नहीं नहीं मिला है. 45 जिलों में एक और एक जिले में दो अंकों में नए केस आए. पिछले 24 घंटे में 2,40,020 नमूनों की जांच में सिर्फ 125 केस नए आए और 134 डिस्चार्ज हुए. यूपी में एक्टिव केस घटकर 1594 हुए. करीब सवा दो माह से रोज केस घट रहे हैं. यूपी में रिकवरी रेट 98.6 फीसदी हो गई है. कुल पॉजिटिविटी दर 2.82 फीसदी हुई.

उत्तर प्रदेश सर्वाधिक जांच और टीका लगाने वाला पहला राज्य बन गया है. 9 जुलाई तक सर्वाधिक नमूनों 6,06,17,011 की जांच यूपी ने की. सर्वाधिक तीन करोड़ से अधिक लोगों को यूपी में पहला डोज लगा. अब तक लोगों को रिकॉर्ड कुल 3,71,66,392 डोज टीके लगे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट के साथ आंशिक कोरोना कर्फ्यू और टीकाकरण का नतीजा देखने को मिला है. यूपी में अग्रेसिव टेस्टिंग, माइक्रो कंटेनमेंट जोन, गांवों में निगरानी समितियों के माइक्रो मैनेजमेंट और ट्रीटमेंट से नियंत्रित कोरोना हुआ. विशेषज्ञों की तमाम आशंकाएं निर्मूल साबित हुईं, जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में हर रोज 30 लाख पॉजिटिव केस आएंगे.

पांच मई से विशेष अभियान के तहत 70 हजार से अधिक निगरानी समितियां डोर टू डोर जाकर स्क्रीनिंग कर रही हैं. लक्षणयुक्त बच्चों और युवाओं को अलग-अलग निशुल्क मेडिसिन किट दी जा रहीं हैं. 12 जिलों में 12 जुलाई से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (आईडीए) महाअभियान शुरू होगा. सरकार वेक्टर बोर्न डिजीजेज फाइलेरिया और कालाजार आदि के उन्मूलन के लिए अत्यंत संवेदनशील, रणनीति बनाकर गतिविधियां शुरू की जा रहीं हैं.

वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, कानपुर देहात, प्रयागराज, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, हरदोई, सीतापुर, फतेहपुर, लखीमपुर खीरी और उन्नाव में स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर अपने सामने मुफ्त दवाएं खिलाएंगे. डेल्टा प्लस संक्रमण वाले राज्यों से आने वाले लोगों की निगरानी और टेस्टिंग तेज कर दी गई है.

ऑक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर हो रहा यूपी

149 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं. 536 प्लांट पर तीव्र गति से काम चल रहा हैं. ऑक्सीजन जेनरेटर के माध्यम से 15 फीसदी ऑक्सीजन की 3300 बेडों पर आपूर्ति हो रही है. यूपी में अस्पतालों में 9000 से ज्यादा पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) बेड तैयार किए है. मेडिकल कॉलेजों में 6324 पीकू और इसी तरह जिला अस्पतालों में 1414 पीडियाट्रिक आइसोलेशन और 1265 पीकू बने. देश-दुनिया में ‘यूपी मॉडल’ की तारीफ हो रही है. ऑस्‍ट्रेलियाई सांसद ने सीएम योगी के कोविड मैनेजमेंट की हाल ही में प्रशंसा की थी. यूपी मॉडल की सुप्रीम कोर्ट, वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन, नीति आयोग, बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी तारीफ की थी. केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भी यूपी मॉडल अपनाया है.