शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सियासत तेज हो गई है. जहां कांग्रेस में कानून के समर्थन को लेकर दो फाड़ नजर आ रहा है. एक तरफ जहां कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कानून का समर्थन किया है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के ही विधायक आरिफ मसूद ने खिलाफ नजर आ रहे हैं.

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि पूर्व सीएम दिग्गविजय सिंह ने जब जनसंख्या कानून लाए थे तब उमा भारती ने विरोध किया था. विधायक ने कहा सीएम शिवराज सिंह ने खुद इस कानून को बदला और रद्द किया था.

RSS को खटक रहे दलित और आदिवासी

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि अब आरएसएस को दलित और आदिवासी खटक रहे हैं. दलित और आदिवासियों में 6 से 8 बच्चे होते हैं. विधायक ने कहा, अल्पसंख्यक बीजेपी के सामने टारगेट नहीं हैं, बल्कि आदिवासी और दलित टारगेट हैं. उन्होंने कहा कि आजादी के समय मुसलमान 12 करोड़ थे, अब 20 करोड़ के करीब हैं. यानी मुसलमानों की जनसंख्या ज्यादा नहीं बढ़ी है. आजादी के समय देश की जनसंख्या 40 करोड़ थी.

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मुस्लिम समामज में फैलाया जा रहा भ्रम

विधायक आरिफ मासूद ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुस्लिम समाज को लेकर भ्रम फैलाया जाता है और अपना हित साधा जाता है. अल्पसंख्यकों का नाम सिर्फ उल्टे सीधे काम करवाने के लिए लिया जाता है. उन्होंने ये भी कहा कि दूसरे धर्म के सामने अल्पसंख्यक नाम रखकर सारे काम करवा लिए जाते हैं. सरकार, आरएसएस की विचारधारा पर काम कर रही है.

समर्थन में उतरे पूर्व मंत्री वर्मा

वहीं कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा जनसंख्या नियंत्रण कानून के समर्थन में उतर गए हैं. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, जो भी समझदार भारतीय होगा वो जनसंख्या नियंत्रण का समर्थन करेगा. वर्मा ने कहा, मेरा व्यक्तिगत तौर पर कानून का समर्थन है. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण करने से भारत विकास की तरफ बढ़ेगा.

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कानून की टाइमिंग पर सवाल

बता दें कि पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कानून की टाइमिंग पर सवाल उठाया है. वर्मा ने बीजेपी नेताओं से सवाल करते हुए कहा कि चुनाव के वक़्त समझ आ रहा है कि जनसंख्या बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में परिवार नियोजन की बात कही थी. तब यही लोग परिवार नियोजन का विरोध करते थे. अब नरेंद्र मोदी सामने आए और बोले कि पूरे देश में जनसंख्या को लेकर एक कानून बनाया जाएगा. अलग-अलग क्यों लाया जा रहा है.

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