सत्यपाल सिंह,रायपुर। लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने गुरुवार को राजधानी के मोहल्ला क्लास की पड़ताल की. रायपुर में करीब साढ़े 4 लाख बच्चों की संख्या है. जिसमें से केवल 30 हजार बच्चे ही मोहल्ला क्लास में पहुंच रहे हैं. क्लास में दर्ज संख्या के कहीं आधा, तो कहीं एक तिहाई बच्चे ही पहुंच रहे हैं. बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई से लाख गुना अच्छा मोहल्ला क्लास को बताया है. लेकिन सार्वजनिक जगह गार्डन, मंदिर प्रांगण और चौक चौराहों में क्लास होना बताया है. लोक शिक्षण संचालनालय सहायक संचालक ए.एन. बंजारा ने भी क्लासेस का निरीक्षण किया.

मोहल्ला क्लास के बच्चों ने दी रखी यह राय

मोहल्ला क्लास में पढ़ रहे बच्चों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई से लाख गुना अच्छा मोहल्ला क्लास है. इसमें ध्यान लगातार पढ़ाई कर रहे हैं. ऑनलाइन पढ़ाई में बहुत सी समस्या होती है, पहले तो आवाज़ क्लियर नहीं आता है. ऑनलाइन जुड़ने में भी बहुत समय बीत जाता है. मोहल्ला क्लासेस में थोड़ी समस्याएं भी है. शोर शराबा के बीच पढ़ाई से ध्यान भटकता है. गर्मी भी लगती है, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई से बेहतर है. हम चाहते हैं कि स्कूल खुलना चाहिए, क्योंकि हम बाहर भी बैठ रहे हैं. लोगों का आना जाना होता है. ऐसे में स्कूल में कम संख्या में बुलाकर पढ़ाया जा सकता है. 

दोनों ही क्लास में अंतर, खुलना चाहिए स्कूल

मोहल्ला क्लास ले रहे शिक्षकों का कहना है कि क्लास में पढ़ाना और ऑनलाइन पढ़ाना दोनों में काफी अंतर है. आमने-सामने पढ़ाई ज़्यादा प्रभावकारी होता है. इसलिए स्कूल को खोलना चाहिए. रोटेशन बनाकर, शिफ़्ट वाइस स्कूल खोलने की ज़रूरत है. जिससे अच्छे से बच्चों की पढ़ाई हो सके.

आगे और बड़े रूप से संचालित होगा मोहल्ला क्लास

मोहल्ला क्लास का निरीक्षण करने पहुंचे लोक शिक्षण संचालनालय के सहायक संचालक ए.एन. बंजारा ने कहा कि रायपुर में करीब एक हजार मोहल्ला क्लासेस संचालित हैं. जिसमें 30 हजार से ज़्यादा बच्चे शामिल हो रहे हैं. सरकारी और प्राइवेट में मिलकर साढ़े 4 लाख बच्चे हैं. जैसे की इस सत्र में मोहल्ला क्लासेस को प्राथमिकता दी जा रही है. शुरुआती दौर है. आगे मोहल्ला क्लासेस वृहद रूप से संचालित होगा. इसके लिए लगातार समीक्षाओं का दौर जारी है.

read more- Corona Horror: US Administration rejects India’s plea to export vaccine’s raw material