गोंडा. दो दिन से लगातार हो रही बरसात के चलते एक जर्जर पंचायत भवन की छत अचानक भरभराकर कर गिर गई. इस छत के मलबे के नीचे दबकर एक युवक और एक मासूम की दर्दनाक मौत हो गई. सूचना पर पहुंची पुलिस ने जेसीबी की मदद से छत का मलबा हटवाया और दोनों के शवों को बाहर निकाला.

युवक और मासूम की मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मचा है. पुलिस शवों का पंचनामा भरकर विधिक कार्रवाई में जुट गई है. वहीं देर रात हुए इस हादसे की सूचना पर तरबगंज एसडीएम व सीओ मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली. फिलहाल जिलाधिकारी ने इस हादसे के जांच के आदेश दिए हैं और पंचायत भवन का निर्माण कराने वाली कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.

नवाबगंज थाना क्षेत्र के मीरपुर युसुफ गांव का में छत के मलबे में दबने से एक युवक और एक मासूम की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि गांव का ही युवक साहिल घर के मासूम राशिद को लेकर बकरियां चराने पंचायत भवन की तरफ गया था. इसी बीच बकरियां जर्जर पड़े पंचायत भवन के भीतर चली गई. बकरियों को बाहर निकालने के लिए साहिल व राशिद भवन के भीतर घुसे थे कि जर्जर भवन की छत भरभराकर गिर गई और साहिल व राशिद उसके नीचे दब गए. आसपास के लोगों की सूचना पर पुलिस ने जेसीबी की से मलबा हटाया और दोनों को बाहर निकाला लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी.

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वहीं इस हादसे पर जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही का कहना है कि नवाबगंज के मीरपुर युसुफ गांव में पंचायत भवन की छत गिरने से दो बच्चों के दब जाने की सूचना मिली थी. मौके पर तत्काल पुलिस व राजस्व टीम को भेजा गया, लेकिन दुर्भाग्य दोनो बच्चों की मौत हो गई. जांच के दौरान यह संज्ञान में आया है कि इस मिनी पंचायत भवन का निर्माण मात्र 12 वर्ष पूर्व बीआरजीएफ योजना के तहत कराया गया था, लेकिन इतने कम समय में हल्की बरसात में भवन का इस तरह से भरभराकर गिर जाना निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा करता है. इसकी जांच कराई जाएगी और निर्माण कराने वाली कार्यदायी संस्था का उत्तरदायित्व चय करते हुए कार्रवाई की जायेगी.

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