सुप्रिया पांडे,रायपुर। ईद उल अजहा यानी बकरीद इस्‍लाम धर्म को मानने वाले लोगों का प्रमुख त्‍योहार है. इस बार ईद उल अजहा यानी बकरीद 21 जुलाई को मनाई जाएगी. छत्तीसगढ़ में पिछले साल की तरह इस साल भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बकरीद मनाई जाएगी. जिससे कोरोना वायरस को बढ़ाना न मिल सके.

जिला प्रशासन ने ईद को लेकर मौलवियों की बैठक ली है. लोगों को समझाइस भी दी गई है कि इस बार के बकरीद को भी पिछली बार की तरह मनाया जाए. एक बार में ज्यादा लोग मस्जिद में प्रवेश ना करें. कोरोना गाइडलाइन का पालन भी सभी व्यक्तियों को करना अनिवार्य होगा.

त्यौहार में गाइडलाइन का करना होगा पालन

इस मामले में एडीएम एन. आर. साहू ने कहा कि बकरीद को लेकर हमारी मीटिंग हो चुकी है. एक बार में कम से कम लोग नमाज में शामिल होंगे. ज्यादा संख्या में लोगों के भीड़ की अनुमति नहीं होगी. पिछले साल ईद के त्यौहार में जो गाइडलाइन जारी की गई थी. उसी गाइडलाइन का पालन इस बार भी लोगों को करना होगा.

21 जुलाई को है बकरीद

इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अपने पुत्र हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया. उन्‍हीं की याद में यह पर्व मनाया जाता है. इस बार ईद उल अजहा यानी क‍ि बकरीद 21 जुलाई को मनाई जाएगी.

मीठी ईद के बाद मनाई जाती है बकरीद

मीठी ईद के करीब 70 दिन बाद बकरा ईद मनाई जाती है. बकरा ईद को ईद-उल-अजहा या ईद-उल-जुहा भी कहा जाता है. बकरा ईद लोगों को सच्चाई की राह में अपना सबकुछ कुर्बान कर देने का संदेश देती है. ईद-उल-अजहा को हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है.

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