रायपुर। इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए फोन टैपिंग का मामला काफी चर्चित विषय बन गया है. इस पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि देश की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है. यह षड्यंत्र का हिस्सा है. प्रमाणित बात सामने नहीं आई है. छत्तीसगढ़ सरकार या कांग्रेस के पास कोई सबूत है, तो सामने लाएं. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मोहन मरकाम को बोलने के पहले सोचना चाहिए.

एनएसओ कंपनी की तत्कालीन रमन सरकार से हुई थी चर्चा- कांग्रेस

दरअसल प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने प्रेस वार्ता में कहा था कि भाजपा का नाम बदलकर भारतीय जनता जासूसी पार्टी रख देना चाहिए. मोदी सरकार देश की जासूसी करने वाली सरकार है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में एनएसओ कंपनी के लोग 2017 को आए थे. तत्कालीन रमन सरकार और पुलिस के साथ उनकी चर्चा हुई थी. भूपेश सरकार के द्वारा नवंबर 2019 में एक समिति गठित की थी. समिति ने जांच की, जिसमें पाया कि पेगासस के साथ हुई बैठक की जानकारी से जुड़े दस्तावेज जला दिए गए थे.

राज्य सरकार नहीं है गम्भीर

भूपेश सरकार के स्कूल खोलने के फैसले पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार गम्भीर नहीं है. कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी बार-बार मिल रही है. राज्य में कोई नियंत्रण नहीं है. स्कूल खोलने में हड़बड़ी नहीं करनी चाहिए. राज्य की स्थिति का आंकलन करने के बाद निर्णय होना चाहिए.

छत्तीसगढ़ में 2 अगस्त से खुलेंगी स्कूल

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2 अगस्त से प्रदेश में स्कूल खोलने का फैसला किया है. स्कूल में 50 फीसदी छात्रों की उपस्थिति रहेगी. वहीं प्राथमिक और मीडिल स्कूल खोलने का फैसला शाला विकास समिति करेगी. यह निर्णय कल भूपेश कैबिनेट की बैठक में लिया गया था. वहीं स्कूल खुलने के फैसले का एक वर्ग स्वागत कर रहा है, तो दूसरा वर्ग इसका विरोध कर रहा था.

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