रायपुर। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ ईओडब्ल्यू के पास कोई सवाल तक नहीं है. उन्होंने कहा कि वे इस मामले से जुडे सारे जवाब लेकर आए थे लेकिन अधिकारियों ने अब तक सवाल ही नहीं तैयार किए हैं. भूपेश बघेल ने कहा कि अगर उनके खिलाफ आरोप सही है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाए और अगर गलत है तो मामला रफा दफा किया जाए लेकिन सरकार केवल इस मामले को लटकाए रखना चाहती है.

भूपेश ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद उनकी मां और पत्नी की तबियत बिगड़ी है. वो न खा पा रही हैं न सो पा रही हैं. भूपेश ने कहा कि सरकार उन्हें एफआईआर दर्ज करके दबाना चाहती है लेकिन वे न दबेंगे न डरेंगे. उन्होंने कहा कि वे सारे दस्तावेज़ों के साथ आए हैं अधिकारी इसकी जांच करा लें.

क्या कहा इस पर सीएम रमन सिंह ने

उधर रमन सिंह ने इस मामले से खुद को अलग करते हुए कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है. भूपेश पर कार्रवाई कानून के हिसाब से की जा रही है.

क्या है पूरी घटना

भूपेश बघेल ने सुबह अपनी 75 साल की बीमार मां और बीवी के साथ ईओडब्ल्यू गिरफ्तारी देने पहुंचे. अचानक वे पहुंचकर ईओडब्ल्यू से पुछताछ पूरी करने की मांग करने लगे.  भूपेश करीब 3 घंटे तक ईओडब्ल्यू दफ्तर में बैठे रहे. उनके पहुंचने की खबर के बाद प्रदेश के तमाम बड़े कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ताओं ने ईओडब्ल्यू का घेराव कर दिया. पुलिस महकमे में कांग्रेस के इस अचानक उठाए कदम से हड़कंप मच गया. आनन-फानन में बड़ी मात्रा में फोर्स को ईओडब्ल्यू में तैनात किया गया. लेकिन जब तक पुलिस वहां पहुंचती वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दफ्तर के मुख्य दरवाज़े के ताले को तोड़ दिया और अंदर घुसकर नारेबाज़ी करने लगे.
इसके बाद कांग्रेस के तमाम बड़े नेता भूपेश बघेल के समर्थन में वहां पहुंचे. चरणदास महंत, धनेंद्र साहू, रविंद्र चौबे, सत्यनारायण शर्मा, मोहम्मद अकबर, और टीएस सिंहेदव वहां डट गए. जो कार्यकर्ता बााद में पहुंचे उन्हें पुलिस ने बाहर रोक लिया. लेकिन हालत तब और बिगड़ गए जब उनकी पचहत्तर साल की मां बिंधेश्वरी बघेल की तबियत बिगड़ गई. उन्हें एंबुलेस बुलाकर तुरंत रामकृष्ण अस्पताल में भर्ती कराया गया.

करीब 3 घंटे तक अंदर रहने के बाद जब भूपेश बघेल बाहर आए तो उन्होंने इस मामले पर सरकार और ईओडब्ल्यू पर सवाल उठाए.  फिर वहां से पैदल शहीद भगत सिंह चौक तक गए और वहां से कांग्रेस भवन रवाना हुए.

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क्या है पूरा मामला