लखनऊ. जबरिया रिटायर का दर्जा पा चुके पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाया है. अमिताभ ठाकुर ने शनिवार को लगातार तीन ट्वीट कर कहा कि आज कानून के राज की बात करने वाले योगी आदित्यनाथ को मैंने पहली बार 1995 में गोरखपुर में तब देखा था, जब वे एक ट्रेन हादसे के साईट पर पूर्णतया औचित्यहीन अराजकता फैला रहे थे और तत्कालीन एसपी सिटी ने उचित बल प्रयोग कर उन पर काबू किया था.

अमिताभ ठाकुर ने लिखा है कि ‘भक्तों को सच बहुत चुभता है. योगीजी मुख्यमंत्री हैं, भावी PM हैं और मैं जबरिया रिटायर हूं पर इससे यह सच नहीं बदल जाता कि मैंने उन्हें 1995-96 में गोरखपुर में अराजकता करते देखा व 2007 में SP महाराजगंज के रूप में उनके खिलाफ पचरुखिया मर्डर केस की जांच शुरू की जब संसद रुदन कांड हुआ.’

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पूर्व आईपीएस लिखते हैं ‘योगी आदित्यनाथ मुझसे यूं ही नाराज नहीं हैं. 2007 में उनके संसद में रुदन कांड के समय मैं SP महाराजगंज था जब मैंने शासन के आदेश से उनके खिलाफ पचरुखिया मर्डर केस में जांच शुरू की थी, जिसमे उनके खिलाफ ठोस प्रमाण थे. मेरा ट्रांसफर हुआ और उसके साथ ही जांच बंद.’

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अमिताभ ठाकुर ने रविवार को एक और ट्वीट कर कहा कि कभी यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ पर एनएसए प्रस्तावित करने वाले 1992 बैच के IPS अफसर जसवीर सिंह को बिना कारण ढाई साल से नियमविरुद्ध ढंग से निलंबित रखा गया है. कृ तथ्यों को देखें, इन्हें बहाल कर न्याय करें.

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