सत्यपाल राजपूत, रायपुर। कोरोना महामारी नियंत्रण में फार्मासिस्ट की सेवा ली जाएगी. स्वास्थ्य संचालक ने राज्य महामारी नियंत्रण एवं टीकाकरण अधिकारी को पत्र लिखकर पंजीकृत फ़ार्मासिस्टों को टीकाकरण अभियान में शामिल करने कहा है. अब फार्मासिस्ट वैक्सीन सेंटरों में काउंसलिंग करेंगे और दवा देंगे.

दरअसल, इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन छत्तीसगढ़ ने कोरोना के दूसरे लहर के पहले ही अप्रैल 2020 में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर कोरोना महामारी के नियंत्रण में फार्मासिस्ट की सेवा लिए जाने की बात प्रमुखता से उठाई थी, जिसे मुख्यमंत्री ने सहमति देते हुए स्वास्थ्य संचालक को उचित कार्ययोजना बनाने निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी पत्र के आधार पर स्वास्थ्य संचालक ने राज्य महामारी नियंत्रण एवं टीकाकरण अधिकारी को पत्र लिखकर पंजीकृत फार्मासिस्ट को कोरोना टीकाकरण अभियान में शामिल करने कहा है.

आपीए के सचिव राहुल वर्मा ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा टीकाकरण अभियान में काउंसलिंग बहुत ही महत्वपूर्ण है. फार्मासिस्ट कोरोना टीका लगवाने से पूर्व मरीज़ों की काउंसलिंग एवं टीकाकरण के बाद दवा संबंधी सलाह हितग्राही को प्रदान करेंगे. इससे न केवल टीकाकरण अभियान में तेज़ी आएगी बल्कि टीकाकरण के बाद अधूरी जानकारी होने पर ग्रामीणों द्वारा बुखार आने या अन्य तकलीफ़ होने पर जो अफ़वाह एवं भ्रम फैलता है, उस पर रोक लग सकेगी. फ़ार्मासिस्ट टीकाकरण के बाद पैरासिटामाल एवं अन्य आवश्यक विटामिन की दवा हितग्राही को उचित सलाह देने के साथ बाटेंगे.

राज्य में लगभग 20 हज़ार पंजीकृत फ़ार्मासिस्ट एवं 5 हज़ार फ़ार्मेसी विद्यार्थी हैं. इतनी बड़ी संख्या में टीकाकरण अभियान के लिए मानव संसाधन मिलने से इसके क्रियान्वयन में तेज़ी आएगी एवं टीकाकरण की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा.

बता दें कि लल्लूराम डॉट कॉम ने लगातार फार्मासिस्टों की काम दूसरे लोगों से करवाने का खबर उठाया है. प्रदेश के कई ग्रामीण इलाक़ों से यह ख़बर आ रही है कि अप्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा टीकाकरण के बाद पैरासिटामाल दवा की जगह शुगर की या कोई अन्य दवा ग्रामीणों को बांट दी गई है, जो आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है. इससे किसी बड़ी अनहोनी होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

 

देखिए वीडियो-

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus