लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट नीति से कोरोना पर हुए प्रभावी नियंत्रण को बनाए रखने में जनसहयोग बहुत आवश्यक है. यह जरूरी है कि संयम और जागरूकता का क्रम सतत बना रहे. सभी प्रदेशवासी कोविड अनुकूल व्यवहार को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं. 22 नए संक्रमण के मामले कानपुर में मिले हैं. इसका गहनता से परीक्षण किया जाए और रोकथाम के लिए जिले स्तर पर व्यापक कार्यवाई की जाए.

कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है. ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रयास सतत जारी रखे जाएं. उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्टिंग करने वाला राज्य है. अब तक यहां 06 करोड़ 46 लाख 56 हजार 047 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है. विगत 24 घंटे में 02 लाख 53 हजार 94 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 89 नए मरीजों की पुष्टि हुई, जबकि 116 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए.

प्रदेश में कोविड टीकाकरण का कार्य सुचारु रूप से चल रहा है. अब तक उत्तर प्रदेश में 04 करोड़ 57 लाख 17 हजार से अधिक कोविड वैक्सीन लगाए जा चुके हैं. इसमें, केवल जुलाई माह में एक करोड़ 45 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाई गई है. यह किसी एक राज्य द्वारा किया गया सर्वाधिक वैक्सीनेशन है. कोविड वैक्सीनेशन को और तेज करने की आवश्यकता है. टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जाए.

राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए संकल्पित है. “मिशन शक्ति” के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. महिला स्वयं सहायता समूह, बीसी सखी जैसे प्रयासों ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को स्वावलंबन की राह दिखाई है. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह जैसी योजना ने बालिकाओं और उनके अभिभावकों को बड़ा संबल दिया है. इसमें स्वास्थ्य विभाग को भी जोड़ना चाहिए. प्रयास होना चाहिए कि जिले स्तर पर जागरूकता के व्यापक कार्यक्रम हों, इसमें स्कूल, कॉलेज के अध्यापकों और प्रिंसिपल को भी जोड़ना चाहिए. ऐसे में अब मिशन शक्ति को साथ नवीन ऊर्जा के साथ नई दिशा देने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास पंचायती राज, गृह, महिला एवं बाल विकास आदि विभाग परस्पर समन्वय के साथ मिशन शक्ति के अगले चरण की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें. महिलाओं-बेटियों से जुड़े आपराधिक घटनाओं पर संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई की जाए.

कोविड काल में हमारे चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, अन्य सहयोगी स्टाफ ने सेवा कार्य का प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है. इसकी सराहना की जानी चाहिए. इसके साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हर मरीज को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो. इस संबंध में किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी. शासकीय सेवा के लोग हों अथवा निजी/आउटसोर्सिंग सेवा से संबंधित लोग, निर्धारित दायित्वों का पूरी कर्मठता के साथ निर्वहन करें. लापरवाही/नेगलेजेंसी के कारण यदि प्रदेश में किसी भी मरीज की दुःखद मृत्यु हुई तो संबंधित कम्पनी, अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कठोरतम कार्रवाई करें. स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और गृह विभाग द्वारा इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए.

कोरोना संक्रमण काल में राजकीय कर्मियों के स्थगित किये गए डीए को जारी करने के सम्बंध में वित्त विभाग तैयारी करे तथा शीघ्र प्रस्ताव प्रस्तुत करे. एल्डर हेल्पलाइन के माध्यम से अकेले रह रहे बुजुर्गों की पूरी सूची जिले स्तर पर होनी चाहिए. सूची में यह भी होना चाहिए कि बुजुर्गों को किस प्रकार की बीमारी है, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल उपचार कराया जा सके. प्रसाशकीय खर्च को कम करने की कोशिश की जाय, नए मदों में विभाग अपनी प्राथमिकताएं तय कर धनराशि भेजेंगे. ऐसा होना चाहिए कि हर किसी को धनराशि मिले और यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले दो से चार माह में पूरे होने वाली परियोजनाएं समय से पूरे हो जाएं. तहसील दिवस और थाना दिवस पर आने वाले मामलों का राजस्व विभाग और गृह विभाग निरन्तर परीक्षण करें. फरियादियों को एक ही कार्य के लिए बार बार चक्कर न लगाने पड़ें.