रायपुर। अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में भूमिहीन खेतिहर मज़दूर न्याय योजना की घोषणा करते हुए
प्रति परिवार छह हज़ार रुपये देने की बात कही. देश में अपनी तरह की पहली योजना के लिए सरकार ने 200 करोड़ रुपए का प्रावधान  रखा है.

भूपेश बघेल ने इसके पहले अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जिसके चेहरे के बूते चार बार चुनाव लड़ा गया हो, अब प्रभारी आकर यह कह दें कि विकास के बूते चुनाव लड़ा जाएगा. यह सुनकर मुझे बहुत दुःख हो रहा है कि बीजेपी के पास छत्तीसगढ़ में नेतृत्व करने के लिए कोई नेता नहीं बचा.

उन्होंने कहा कि जब से पुरंदेश्वरी प्रभारी बनी है, तब से लाइन लेंथ बिगड़ गया है. जब से शिवप्रकाश, पुरंदेश्वरी, नितिन नवीन आकर बैठक ले रहे हैं. खूब बत्ती पड़ रही है. केंद्रीय मंत्रिमंडल का गठन हुआ तो हमने सोचा था कि हमारे डॉक्टर साहब का नम्बर लगेगा, लेकिन नम्बर नहीं लगा और तो और जब नेता नहीं मिले तो रिटायर्ड अधिकारी को मंत्री बना दिया. वहीं चर्चा के दौरान जब जनसम्पर्क के बजट का मसला उठा तो भूपेश बघेल ने रमन सिंह को जवाब देते हुए कहा कि फोटो आपका छपे और पैसा हम पटाएंगे.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्मी कॉम्पोस्ट को लेकर खूब सवाल हुये. हम तो दस रुपये में दे रहे हैं. पिछली सरकार में 16 रुपये में बेचा जाता था. प्राइवेट कम्पनियां साठ रुपये में बेच रही हैं. आज पूरे छत्तीसगढ़ में रुरल इंडस्ट्रियल के रूप में जो काम हो रहा है, ये देश में कही नहीं हो रहा है. केंद्र सरकार, दूसरे राज्य के लोग यहां काम देखने आ रहे हैं.

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नरवा, गरुवा के लिए एक लाख एकड़ जमीन सुरक्षित

भूपेश बघेल ने कहा कि हो सकता है नया काम है कुछ ग़लतियाँ हो जाए इसे सुधारने की दिशा में काम किया जा सकता है, शुरुआत में नरवा, गरवा जैसी योजना अधिकारियों को भी समझ नहीं आ रहा था. आज एक लाख एकड़ ज़मीन हम सुरक्षित कर लिये. छत्तीसगढ़ इकलौता राज्य है, जिसके पास दस लाख क्विंटल वर्मी कॉम्पोस्ट है. रविंद्र चौबे से कहूँगा कि सदन ख़त्म होने के बाद सारे विधायकों को किसी गौठान में लेकर जाइए. वहाँ लेकर काम दिखाइये.

कोरोना को सरकार नहीं बना रही बहाना

उन्होंने कहा कि कोरोना को हम बहाना नहीं बना रहे, कोरोना काल में भी लघु वनोपज की ख़रीदी देश भर में अकेले छत्तीसगढ़ 74 फ़ीसदी कर रहा. कर्ज लेने पर सवाल उठाया जा रहा है. केंद्र सरकार खुद कहती है कि जीएसटी जो हम राज्य को देने वाले थे वह अभी नहीं दे पा रहे हैं. राज्य सरकार कर्ज ले ले. पूरे देश को क़र्ज़ में डुबाने का काम केंद्र सरकार कर रही है, और हम पर आरोप लगा रहे हैं. पेट्रोल-डीज़ल में सेंट्रल एक्साइज का पैसा राज्यों को मिलता था. केंद्र ने सेस लगा दिया. जो राज्यों को मिलता नहीं और कहते हैं कि राज्य पैसा कम कर दें.

न्याय की अवधारणा को आगे बढ़ाने का किया काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपनी न्याय अवधारणा को आगे बढ़ाने का काम किया है. जब मैंने पहले सदन में ही छत्तीसगढ़ी अस्मिता की बात कही थी आज उसे साकार किया है. प्रदेश की जनता ने इसे देखा है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना, भूमिहीन किसान योजना का दायरा लाखों लोगों तक पहुँचाया जाएगा. बस्तर से सरगुज़ा तक आए बदलाव की बात मै कर रहा हूँ. शिक्षा से स्वास्थ्य तक हमने बदलाव किया. विकास का छत्तीसगढ़ी माडल देश में सम्मान पा रहा है. इस पर अभिमान ना करे तो क्या करें?

तो अनुपूरक बजट लाने की जरूरत ही नहीं होगी

इससे पहले अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि 2019-20 में ख़राब हुये धान का आज तक हिसाब सरकार नहीं कर पाई है. आज भी जब हिसाब की बात पूछी जाती है तो कहा जाता है कस्टम मिलिंग जारी है. भ्रष्टाचार और अनदेखी की वजह से ये स्थिति बनी है. ख़राब नीति की वजह से ये स्थिति बनी. शराब दुकानों में यदि दो पेटी रखी है तो एक पेटी एक नम्बर की है और दूसरी पेटी दो नम्बर की. यदि सरकार इसे रोक दे तो अनुपूरक बजट लाने की ज़रूरत ही नहीं है.

इस साल किसानों को नौ हजार प्रति एकड़ क्यों

कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में कहा था कि पंचायतों के विकास के लिये इसकी नीलामी करेंगे. आज ये स्थिति है कि हर जगह रेत के टिले दिखेंगे. 15 जून से 15 अक्तूबर तक रेत का खनन नहीं चल सकता, ये एनजीटी का नियम है, लेकिन धड़ल्ले से रेत माफिया इसका खनन कर रही हैं. एक तरफ़ सरकार मितव्ययिता की बात करती है, दूसरी तरफ़ सरकार की आँख के नीचे लूट हो रही है.
कांग्रेस ने 2500 रुपये समर्थन मूल्य में ख़रीदी का वादा किया था, लेकिन मैं आज भी कह रहा हूँ. काग़ज़ों में किसानों को ये राशि नहीं मिल रही है. सरकार किसानों को धोखा दे रही है. पिछली बार सरकार ने दस हज़ार रुपये प्रति एकड़ अंतर की राशि दी थी, तो इस साल नौ हज़ार रुपये प्रति एकड़ क्यूँ किया गया. 76 हज़ार 600 करोड़ रुपये राज्य पर क़र्ज़ है. ये प्रदेश कहां जाएगा.

स्वच्छ पेयजल के लिए 500 करोड़ का प्रावधान

अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान रविन्द्र चौबे ने कहा कि जब हमारे संसाधन से टीके लग रहे थे तो फ़ोटो हमारे मुख्यमंत्री का नहीं लगता तो क्या किसी दाढ़ी वाले का लगता. उन्होंने कहा कि 376 प्री आर्डिनेंस पैकेज के लिए, 15 नए तहसील पर 210 पद स्वीकृत करने के लिए और स्वच्छ पेयजल के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है.