सुप्रिया पांडे,रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग ने अगले 4 घंटे के लिए चेतावनी जारी किया है. बुधवार की रात 7.30 से 11.30 बजे तक कई जिलों में भारी बारिश होने वाली है. मौसम विभाग ने बिजली गिरने को लेकर भी अलर्ट जारी किया है. ज्यादा जरूरी होने पर ही लोग घर से बाहर निकलें. विभाग ने ऐसी हिदायत दी है. प्रदेश में अगले 1 अगस्त तक बारिश का दौर लगातार जारी रहने की संभावना है.
इन जिलों में होगी भारी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक अगले 4 घंटे तक प्रदेश के जिन जिलों में बारिश होगी, उनमें बलरामपुर, सरगुजा, सूरजपुर, जशपुर, कोरिया, कोरबा, पेंड्रा रोड, बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कबीरधाम, बेमेतरा भारी बारिश होने वाली है. इसके साथ ही इन जिलों से लगे एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है.
यहां बना है चक्रवाती घेरा
मौसम विभाग की माने, तो एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास स्थित है. इसके साथ चक्रीय चक्रवाती घेरा मध्य ट्रोपास्फेरिक लेवल तक स्थित है. अगले 24 घंटे में इसके और अधिक प्रबल होने की संभावना है. मानसून द्रोणिका गंगानगर, हिसार, मेरठ, हरदोई, वाराणसी, डाल्टनगंज, दीघा और उसके बाद पूर्व की ओर निम्न दाब के केंद्र तक स्थित है.
1 अगस्त तक चलेगा बारिश का दौर
एक ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा मध्य उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भाग में 3.1 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. जिसके प्रभाव से छत्तीसगढ़ के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने और गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. प्रदेश में एक-दो स्थानों में गरज चमक के साथ भारी वर्षा होने की संभावना है. प्रदेश में अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है. प्रदेश में अगले 1 अगस्त तक बारिश का दौर लगातार जारी रहने की संभावना है.
बिजली गिरने पर कैसे करें बचाव
- यदि किसी खुले स्थान में हैं, तो तत्काल किसी पक्के मकान की शरण ले लें. खिड़की, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.
- लोहे के पिलर वाले पुल के आसपास तो कतई नहीं जाएं.
- ऊंची इमारतों वाले क्षेत्रों में शरण न लें, क्योंकि वहां वज्रपात का खतरा ज्यादा होता है.
- अपनी कार आदि वाहन में हैं, तो उसी में ही रहें, लेकिन बाइक से दूर हो जाएं. क्योंकि उसमें पैर जमीन पर रहते हैं.
- बिजली सुचालक उपकरणों से दूर रहें और घर में चल रहे टीवी, फ्रिज आदि उपकरणों को बंद कर दें.
- तालाब, जलाशयों और स्विमिंग पूल से दूरी बनाएं.
- अगर खेत या जंगल में हैं, तो घने और बौने पेड़ की शरण में चले जाएं, लेकिन कोशिश करें कि पैरों के नीचे प्लास्टिक बोरी, लकड़ी या सूखे पत्ते रख लें.
- समूह में न खड़े हों, बल्कि दूर-दूर खड़े हों. इसके साथ ही ध्यान दें कि आसपास बिजली या टेलीफोन के तार नहीं हों.
- वज्रपात में मौत का तात्कालिक कारण हृदयाघात होता है. ऐसे में जरूरी हो तो संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा कार्डियो पल्मोनरी रेस्क्यूएशन (सीपीआर) प्रारंभ कर दें.
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