नई दिल्ली। श्रीलंका ने गुरुवार को टी-20 का फाइनल मैच सात विकेट से जीत दर्ज कर सीरीज पर कब्जा जमा लिया. शिखर धवन की अगुवाई वाली अनुभवहीन टीम को दो मैच में लगातार हार मिली. फाइनल में तो शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया, जो सही साबित नहीं हुई और टीम आठ विकेट पर 81 रन ही बना पाई. भारत के केवल तीन बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे, जिनमें सातवें नंबर पर उतरे कुलदीप यादव ने सर्वाधिक नाबाद 23 रन बनाए. पिच बल्लेबाजों के अनुकूल नहीं थी, लेकिन भारतीय गेंदबाजों के पास बचाव के लिए बेहद कम स्कोर था. श्रीलंका ने 14.3 ओवर में तीन विकेट पर 82 रन बनाकर आसान जीत दर्ज की. इस तरह से श्रीलंका ने टी-20 सीरीज का पहला मैच हारने के बाद अच्छी वापसी की.

पिच से स्पिनरों को मदद मिल रही थी और बल्लेबाजों के पास हसरंगा ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए नौ रन देकर चार विकेट लिए. कप्तान दासुन शनाका 20 रन देकर दो, जबकि दुशमंत चमीरा और रमेश मेंडिस ने एक-एक विकेट लिया. वहीं भारतीय गेंदबाजों ने शुरू में कसी गेंदबाजी जरूर की, जिससे श्रीलंका ने पावरप्ले में 23 रन बनाए और इस बीच अविष्का फर्नांडो (12) का विकेट गंवाया. राहुल चाहर (15 रन देकर तीन) ने अपनी ही गेंद पर फर्नांडो का खूबसूरत कैच लिया.

चाहर ने इसके बाद दूसरे सलामी बल्लेबाज मिनोद भानुका (18) को एलबीडब्ल्यू आउट किया. श्रीलंका के लिए भी रन बनाना आसान नहीं रहा लेकिन उसने विकेट बचाए रखे. वह 12वें ओवर में 50 रन के पार पहुंचा. चाहर ने अपनी आखिरी गेंद पर सदीरा समरविक्रमा (छह) को बोल्ड किया. इसके बाद धनंजय डिसिल्वा (नाबाद 23) और हसरंगा (नाबाद 14) ने टीम को आसानी से लक्ष्य तक पहुंचाया.

अंपायर कुमार धर्मसेना ने वरुण चक्रवर्ती की गेंद पर डिसिल्वा को विकेट के पीछे कैच दे दिया था, लेकिन बल्लेबाज डीआरएस के सहारे आउट होने से बच गया. यह गेंद वाइड निकली जो श्रीलंका का विजयी रन भी था. इस तरह भारत दो टी-20 मैच लगातार हार गया.

भारत के पांच स्पेशलिस्ट बल्लेबाज 36 रन के अंदर पवेलियन चले गए. कप्तान शिखर धवन (शून्य) ने पहले ओवर में स्लिप में कैच दिया. इसके बाद श्रीलंका के स्पिनर हावी हो गए. ऑफ स्पिनर रमेश मेंडिस ने देवदत्त पडिक्कल (नौ) को एलबीडब्ल्यू आउट किया, जबकि हसरंगा ने संजू सैमसन (शून्य) और सलामी बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ (14) को गच्चा दिया. भारत का स्कोर पांच ओवर के बाद चार विकेट पर 25 रन हो गया. भुवनेश्वर कुमार (16) को पावरप्ले में क्रीज पर कदम रखना पड़ा, लेकिन एकमात्र बचे स्पेशलिस्ट बल्लेबाज नितीश राणा (छह) भी मौके का फायदा नहीं उठा पाए. शनाका की गेंद मिडविकेट पर खेलने के प्रयास में उन्होंने वापस कैच दे दिया.

भारत 14वें ओवर में 50 रन पर पहुंचा, जिसके बाद शनाका ने भुवनेश्वर का भी बेहतरीन कैच लेकर हसरंगा को तीसरा विकेट दिलाया. भुवनेश्वर ने 32 गेंदें खेलीं तथा कोई चौका नहीं लगाया जो कि भारतीय रिकॉर्ड है. हसरंगा ने वरुण चक्रवर्ती के रूप में चौथा विकेट लिया और इस तरह से अपने जन्मदिन पर सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन करने का नया रिकॉर्ड बनाया.

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