पुरूषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। गरियाबंद में किडनी प्रभावित सुपेबेड़ा के नाम पर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉक्टरों की आवभगत में 10 लाख रुपये खर्च करने का मामला सामने आया है. बाहर से आए डॉक्टरों के खाने, पीने और वाहन खर्च पर ही 4 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर दिया गया.
देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की जीवनदीप समिति की बैठक में इस मामले का खुलासा हुआ है. बीएमओ डॉ सुनील भारती ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि सीएचएमओ के मौखिक आदेश पर जीवनदीप समीति की ढाई लाख से ज्यादा की राशि डॉक्टरों की आवभगत पर खर्च की गई है.
यही नहीं पास के झाखरपारा अस्पताल की जीवनदीप समिति की 2 लाख की रकम का ईस्तेमाल में इसी तरह किया गया है. यही नहीं चार लाख से ज्यादा की रकम अभी भी ठेकेदारों का देना बकाया है. समिति की बैठक में पहुंचे संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी और देवभोग जनपद अध्यक्ष नेहा सिंघल ने इसका विरोध किया है.
जरुरी कामों के लिए मिली राशि के इस तरह बंदरबांट करने पर उऩ्होंने नाराजगी जताई है और साथ ही सीएचएमओ से इस बारे में जानकारी लेने की बात भी कही है.