सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ में करीब डेढ़ साल बाद 2 अगस्त यानी आज से स्कूल खुल गए हैं. स्कूलों में 10वीं और 12वीं के छात्र पहुंचे, जो काफी खुश नजर आए. शिक्षा विभाग ने कोरोना के मद्देनजर गाइडलाइन भी जारी किया है. जिसका कितना पालन हो रहा है. इसका जायजा लेने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम कई स्कूलों में निरीक्षण करने पहुंचे. निरीक्षण के दौरान मंत्री खुद कक्षा में बच्चों के बीच बैठकर बातचीत करते नजर आए. बच्चों से कई सवाल किए गए, जिसका सही जवाब देने वाले बच्चों को इनाम भी दिया गया है.
सवालों का सही जवाब देकर स्कूल शिक्षा मंत्री से पुरस्कृत बच्ची डिगेश्वरी साहू ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई में बहुत दिक्कत होती थी. बहुत लोगों के पास मोबाइल फोन नहीं था. स्कूल आकर बहुत अच्छा लग रहा है. स्कूल के गेट पर ही मास्क चेक किया जाता है. हाथों को सैनेटाइज कर स्कूल के अंदर आए. आज गणित के सवालों के सही जवाब देने पर मंत्री जी ने मुझे पुरस्कार राशि भी दिए. मुझे अच्छा लगा.
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेम साय सिंह ने कहा कि लगभग दो साल बाद आज प्रदेश भर में स्कूल खोला गया है. सुरक्षा के मद्देनज़र दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है. बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. इसके लिए आज स्कूलों में जाकर औचक निरीक्षण किया. साथ ही विद्यार्थियों से बातचीत कर व्यवस्था के बारे में जानकारी ली गई. उन्होंने कहा कि स्कूल पहुंचे बच्चों में काफी उत्साह है. कुछ बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से परेशान ज़रूर हुए हैं, लेकिन स्कूल पहुंचकर उन्हें बहुत ख़ुशी हुई है. मैंने कई बच्चों से सवाल भी किया. उनके परिवार की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली. बच्चे बिना डरे सवालों के जवाब दिए.
मंत्री प्रेम साय सिंह ने कहा कि स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए कोरोना एडवाइजरी के मद्देनजर तैयारी की गई है. स्कूलों के सामने गेट पर ही सैनेटाइज़र की व्यवस्था, थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था है. बच्चों को गेट पर ही कोरोना एडवाइजरी की समझाइस दी जा रही है. कक्षा के अंदर 50 प्रतिशत बच्चे उपस्थित रहेंगे. रोटेशन के हिसाब से विद्यार्थियों को बुलाया जा रहा है. मध्यान्ह भोजन के मद्देनज़र दिशा निर्देश पहले से ही जारी कर सख्त निर्देश दिए गए हैं. लापरवाही बरती गई, तो कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में आज से स्कूल खोल दिए गए हैं. प्रदेश के स्कूलों में कक्षा 10वीं और 12वीं की कक्षाएं 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित होगी. प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल खोलने का फैसला स्कूल समिति करेगी. वही ग्रामीण क्षेत्रों में पहली से 5वीं और 8वीं की कक्षाएं प्रारंभ करने के संबंध में ग्राम पंचायत और स्कूल की पालक समिति अनुशंसा करेगी. इसी तरह शहरी क्षेत्रों में वार्ड पार्षद और स्कूल की पालक समिति खोलने का निर्णय लेंगे.
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