रायपुर। हाथियों को खिलाने के लिए सरकारी धान खरीदने का मामला सियासी रंग लेने लगा है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने खरीदी में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए सवाल किया है कि खुले बाजार में 1350 रूपये में जब धान बिक रहा रहा है, तो वन विभाग को सड़ा धान 2050 रुपए में क्यों बेचा जा रहा है?

धरमलाल कौशिक ने कहा कि हाथियों को खिलाने के लिए 2 हजार 50 रुपये में वन विभाग धान की खरीदी कर रहा है. खुले बाजार में 1350 रुपये से लेकर 1400 रुपये में बोली लग रही है. सरकार अच्छा धान नीलामी के जरिये बेच रही है. आखिर सरकार के सामने कौन सी मजबूरी है कि वन विभाग को सड़ा हुआ धान 2 हजार 50 रुपये में बेचना पड़ रहा है. क्या हाथियों को सड़ा हुआ धान अच्छा लगता है?

कौशिक ने कहा कि विधानसभा में हम लगातार इस मामले को उठाते रहे हैं. 2019-20 का कितना धान सड़ा यह सरकार बताने को तैयार नहीं है. हाथी कितना धान खाया, यह कौन बताएगा? आनन-फानन में लिया गया यह निर्णय़ समझ के परे हैं. उन्होंने कहा कि एक बड़े भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए वन विभाग के जरिए धान खरीदी की जा रही है. इसकी कोई जांच ना हो, रफा-दफा हो जाए. सरकार ये बता दे कि हमने इतना धान हाथियों को खिलाया है.